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भाजपा नेता के काले कारनामों पर सिविल लाइन पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान ?

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भाजपा नेता के काले कारनामों पर सिविल लाइन पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान ?

बिलासपुर।नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों की गिरफ्तारी के बावजूद सिविल लाइन पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान उठ रहे हैं। बताया जा रहा है की खानापूर्ति के लिए पांच लोगों की गिरफ्तारी दिखाते हुए मुख्य सरगना भाजपा नेता को बचाने की साजिश रची जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने एक आरोपी को मंगला चौक स्थित एक फोटोकापी दुकान से गिरप्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी का नाम पुरूषोत्तम तिवारी है। यद्यपि पुलिस ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि आरोपी मंगला चौक स्थित फोटोकापी दुकान में नौकरी करता है। फोटोकापी दुकान तथाकथित भाजपा नेता की है। सूत्रों ने बताया कि जेल में बन्द पुरूषोत्तम तिवारी तथाकथित भाजपा नेता के इशारे पर फोटोकापी दुकान में फर्जी दस्तावेज बनाने का काम करता था। फर्जी नियुक्ति पत्र थमाने के बाद वसूली का रूपया तथाकथित भाजपा नेता को पहुंचाता था।
सूत्रों के मुताबिक तथाकथित भाजपा नेता मंगला चौक और मुंगेली नाका क्षेत्र में अच्छा रसूख रखता है। इस भाजपा नेता का अपाराधिक रिकार्ड भी जोरदार है। 6 साल पहले रसूखदार नेता को पुलिस ने सूदखोरी के आरोप में सबूत के साथ गिरफ्तार किया था। लेकिन राजनैतिक रसूख के चलते सिविल लाइन थाना पहुंचने से पहले ही आईजी कार्यालय के सामने उसे छोड़ दिया गया। इसके बाद इस समुदाय विशेष से ताल्लुक रखने वाले भाजपा नेता ने बहुत दिनों तक राजनैतिक गतिविधियों से ना केवल खुद को दूर रखा। बल्कि कैमरे से भी किनारा किया।

अन्दर खाने की माने तो फोटोकापी दुकान संचालक भाजपा नेता वर्तमान समय में करीब दस करोड़ से अधिक का आसामी है। लम्बे समय के अंतराल के बाद इसने सूदखोरी का कारोबार फिर से शुरू कर दिया है। किसी बात को लेकर एक स्कूल में उसका लम्बे समय से विवाद चल रहा है। सरकारी जमीन बेचने से लेकर अवैध प्लाटिंग को लेकर इसका कोई जवाब नहीं है। सूत्रों की माने तो नौकरी लगाने के नाम पर ठगी मामले का मुख्य सूत्रधार और मास्टर माईंड यही भाजपा नेता है। बड़े राजनीतिक दबाव के चलते सिविल लाइन पुलिस करोड़ों की ठगी के इस गंभीर मामले में भाजपा नेता को छोड़कर दुकान के मामूली नौकर पुरूषोत्तम तिवारी को बली का बकरा बना रही है । फर्जी नियुक्ति पत्र छापने का काम जिस दुकान में किया जाता था उसमें पुरूषोत्तम तिवारी कर्मचारी की हैसियत से काम करता था। दुकान के असली मालिक भाजपा नेता को बचाने के लिए नौकर को फंसाने की साजिश की जा रही है । शहर के बड़े भाजपा नेता का करीबी होने की वजह से इस नेता पर कार्रवाई करने में सिविल लाइन पुलिस और पुलिस के आला अधिकारियों के हाथ भी कांप रहे हैं। देखना यह होगा की सुशासन वाली सरकार में इस भाजपा नेता पर कार्रवाई होती है या सुशासन सिर्फ एक दिखावे वाला नारा बनकर रह जाता है।

अगला एपिसोड………✒️✒️✒️

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