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छत्तीसगढ़ शासकीय उचित मूल दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौपा

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छत्तीसगढ़ शासकीय उचित मूल दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौपा

बिलासपुर|छत्तीसगढ़ शासकीय उचित मूल दुकान संचालक विक्रेता कल्याण संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग कि, “की जिले में ई पॉस मशीन और तौल कांटा से जोड़ कर पारदर्शिता के साथ डिजिटल हस्ताक्षर के द्वारा हितग्राहीयो की सहमति से खाद्यान्न का खाद्य विभाग के नियमानुसार वितरण किया जा रहा है ऐसे में राशन गबन का आरोप समझ से परे है ? इसे गबन कहना गलत है।

वितरण व्यवस्था के संदर्भ में जिले के सभी शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक नियमों के अनुरूप खाद्यान्न का वितरण कर रहे हैं, दुकानों में भौतिक रुप से जो स्टाक उपलब्ध रहता है उसका उसी मद में वितरण उचित मूल्य के दुकानों से हो रहा है,।

संघ ने कहा कि

जिले में संचालित 686 उचित मूल्य दुकानों में वितरण प्रकिया की जानकारी के आभाव में मामुली त्रुटी होना संभावित है इसका आशय यह नहीं है कि सभी उ.मु. दुकानों में त्रुटी पुर्ण कार्य हो रही है।

राशन वितरण के लिए दुकानों पर मद वार का खाद्यान्न होता है समय पर सभी मदों का खाद्यान्न उपलब्ध नहीं होने के कारण राशन वितरण नहीं किया जा सकता।

मासिक मुल आबंटन में संलग्न राशनकार्डो की खाद्यान्न का मात्रा एक साथ नही मिलने से खाद्यान्न वितरण बाधित होता है और हितग्राही को यह मालूम नही होता है कि किस मद का खाद्यान्न भौतिक रुप से दुकान में उपलब्ध है अथवा उपलब्ध नहीं है साथ ही ऐसे राशनकार्डो में मदवार खाद्यान्न का स्टाक नही होने के कारण दुकान संचालक द्वारा वितरण सम्भव नहीं हो पाता अन्य मद का उपलब्ध स्टाक देखकर नहीं मिलने से हितग्राही रोष व्यक्त करते हैं और दुकान संचालक को खरी खोटी सुनना होता है जबकि दुकान में संलग्न राशनकार्डो की समस्त खाद्यान्न का भण्डारण करना विभाग की जिम्मेदारी होती है किन्तु संलग्न पुरे राशनकार्डो का भण्डारण सभी मदों का एक साथ नही होता है और हमें हर माह खाद्यान्न मुल आबंटन से काट कर दिया जाता है ईस कारण से हमें हर माह अतिरिक्त आबंटन का मांग करना पड़ता है।

वन नेशन वन राशनकार्ड के तहत किसी भी शासकीय उचित मूल्य दुकानों से हितग्राहीयो को खाद्यान्न लेने का अधिकार दिया गया है किन्तु दुकानदार की विवशता है सम्पूर्ण खाद्यान्न मद वार नही होने के कारण और समय पर भण्डारण नहीं होने के कारण खाद्यान्न का वितरण कर पाना सम्भव नहीं हो पाता अतः उचित मूल्य दुकानों में संलग्न राशनकार्डो का आबंटन के अलावा 30/ खाद्यान्न का अतिरिक्त भण्डारण अग्रिम किया जाय जिससे अन्य जिले से आये हुए हितग्राहीयो को निर्बाध्य राशन का वितरण का किया जा सके ।

खादयान्न भण्डारण में उचित मूल्य दुकानों पर खाद्यान्न का भण्डारण अधिकांश दुकानो में तौल कर नहीं किया जाता है नान के द्वारा तौल कर दिये जाने का आदेश हैं। परन्तु ज़िले के परिवहनकर्ताओं द्वारा तौलकर दिये जाने में आनाकानी किया जाता है उचित मूल्य दुकानों को सार्टेज में खाद्यान्न मिलता है जिसका भरपाई उसी समय तत्काल नहीं किया जाता है जिले में राशन भण्डारण करने में अनियमित्ता की जाती है।

जिसकी शिकायत विभाग को उचित मूल्य दुकानदार द्वारा किया जाता है किन्तु उस पर कोई जांच कार्रवाई, नहीं कि जाती! जिले मेंराशन भण्डारण से संबंधित शिकायत अभी भी लंबित है। परिवहनकर्ता के हमालो द्वारा राशन की चोरी की जाती है। जिले में 686 उचित मूल्य दुकानों का यह बहुत बडी समस्या है राशन भण्डारण पूरे पारदर्शिता से लिकेजिंग बिना कराई जाय ।महोदय के समक्ष कुछ सुझाव प्रस्तुत है जिस तरह राशन कार्य पुरे पारदर्शिता के साथ कराई जाती है उसी व्यवस्था से आन लाइन ई पास मशीन एवं तौल कांटा कनेक्टीविटी कर सर्वर के माध्यम से राशन भण्डारण करवाई जाय प्रत्येक बोरी को तौल कर खाद्यान्न का भण्डारण कराई जाय भण्डारण व्यवस्था में घटतौली न हो इसके लिए एक नया राशन भण्डारण साफ्टवेयर बनाया जाय उसी माध्यम से खाद्यान्न को तौलकर दुकानों में भण्डारण करने पर चोरी एवं कम खाद्यान्न भण्डारण की समस्या से छुटकारा मिल सकेगा।

जिले के शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं, समय पर कमीशन का भुगतान नहीं किया जाता चार से छह माह तक नागरिक आपूर्ति निगम में कमीशन जमा रहता है राशन दुकान संचालन करने पर हर माह एक निश्चित राशि का व्यय एवं भुगतान करना पड़ता है उसकी भरपाई कमीशन के राशि से होती है। जैसे दुकान का किराया, सहायक दुकान का तौलवाहक मासिक वेतन, बिजली का बिल, स्टेशनरी एवं खर्च के लिए राशन दुकानदारों के पास राशि नही रहती है ऐसे स्थिति में दुकानों के खाद्यान्न लेने के लिए डी डी, NEFT कर्ज लेकर देना पड़ता है। मार्कफेड द्वारा बारदाना का उठाव किया जाता है उसका भी राशि समय हर माह नही मिल पाता वर्ष 2018,19,20 की लंबित राशि आज पर्यंत तक जिले के सभी शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालकों को नही मिल पाया है”। जिसमें मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ राशन संघ के उपाध्यक्ष ऋषि उपाध्याय जी सतीश अवस्थी कैलाश वस्त्रकार किरण अनिल आदि लोग उपस्थित रहे

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