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स्वतंत्र भारत के पहले वोटर श्याम सरन नेगी का निधन, आखिर बार हिमाचल चुनाव में डाला था वोट

स्वतंत्र भारत के पहले वोटर हिमाचल प्रदेश में किन्नौर जिले के कल्पा के रहने वाले मास्टर श्याम सरन नेगी का निधन हो गया है। श्‍याम सरन नेगी ने दो दिन पहले ही पोस्‍टल बैलेट के जरिए विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाला था। नेगी ने पहली बार 1951-52 के चुनाव में हिस्सा लिया था जो देश का पहला चुनाव था। 106 के जीवन में नेगी ने 34वीं बार मतदान किया था।

आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, रिटायर्ड स्कूल टीचर श्याम शरण नेगी का जन्म एक जुलाई 1917 को हुआ था। 106 साल की उम्र में निधन से पहले उन्‍होंने हिमाचल चुनाव में वोट डाला। पहली बार वह 1951 में वोटिंग का हिस्सा बने थे। उन्होंने पहली बार जब वोट किया था, तब वह 33 साल के थे। किन्नौर के कलपा कस्बे के रहने वाले श्‍याम शरण स्कूल से टीचर के पद से 51 साल पहले रिटायर थे।

दरअसल भारत का पहला चुनाव फरवरी 1952 में हुआ लेकिन हिमाचल प्रदेश में सुदूर, आदिवासी इलाकों में खराब मौसम के कारण सर्दियों के दौरान मतदान कराना असंभव था। ऐसे में वहां मतदान 23 अक्टूबर 1951 को पांच महीने पहले हो गया। तब श्याम शरण नेगी स्कूल अध्यापक थे और चुनावी ड्यूटी पर थे। इसके कारण वे अपना वोट डालने सुबह सात बजे किन्नौर में कल्पा प्राथमिक स्कूल में अपने मतदान केंद्र पर पहुंच गए। श्याम शरण नेगी वहां पहुंच कर मतदान करने वाले पहले व्यक्ति थे। इसके बाद उन्‍हें बताया गया कि इलाके में कहीं भी सबसे पहले वोट डालने वाला वे ही हैं।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आजाद भारत के पहले मतदाता 106 वर्षीय श्याम सरन नेगी के निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, “स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता और किन्नौर के रहने वाले श्याम सरन नेगी जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ।

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