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बस्तर दशहरा समिति पर एक करोड़ की देनदारी बकाया के बाद व्यापारियों ने खड़े किये हाथ

जगदलपुर। रियासत कालीन बस्तर दशहरा मनाने धर्मस्व विभाग से पर्याप्त राशि नहीं मिलने से बस्तर दशहरा समिति पर एक करोड़ रूपये की देनदारी बकाया है। पिछला बकाया नहीं मिलने से बस्तर दशहरा के लिए पूजन सामग्री, कपड़ा, पटाखा से लेकर बकरा सप्लाई करने वाले व्यापारियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार प्रति वर्ष दशहरा मनाने लगभग 80 लाख रूपये खर्च होते हैं। इसके एवज में संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग विगत दस वर्षो से प्रति वर्ष 25 लाख रूपये ही जारी कर रही है। वहीं एनएमडीसी के सीएसआर मद से आठ-दस लाख रूपये की मदद मिल रही है। बस्तर दशहरा का खर्च प्रतिवर्ष अनवरत बढ़ता ही जा रहा है, बस्तर दशहरा समिति पर एक करोड़ रूपये की देनदारी होना शासन-प्रशासन पर प्रश्रचिन्ह खड़ाकर रहा है।
टेंपल इस्टेट कमेटी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 से वर्ष 2021 तक के दशहरा उत्सवों की संपन्नता के लिए विभिन्न व्यापारियों से टेंडर मंगवा कर उधार में सामान प्राप्त किया गया था। राशि के अभाव में पूरा भुगतान नहीं हो पाया और समिति पर एक करोड़ रूपये का कर्ज हो गया है। इधर दशहरा निर्विघ्न संपन्न हो, इसलिए दशहरा समिति ने टेंपल कमेटी के विभिन्न मंदिरों की मरम्मत हेतु धर्मस्व विभाग से प्राप्त एक करोड़ 60 लाख रूपये को भी दशहरा में खर्च कर दिया है। बात यहीं पर खत्म नहीं होती। टेंपल इस्टेट कमेटी ने ज्योति कलश समिति खाते का 30 लाख रूपये भी दशहरा मनाने व्यय कर दिया है। इन सब के बाद भी विगत 10 वर्षों में विभिन्न व्यापारियों को बकाया राशि का भुगतान करना था, वह पूरा नहीं हो पाया है। इस सब के चलते दशहरा के लिए पूजन सामग्री से लेकर कपड़ा, पटाखा, बकरा सहित विभिन्न सामग्रियों की आपूर्ति करने वाले थोक व्यापारियों ने दशहरा उत्सव 2022 के लिए आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति करने से इंकार कर दिया है। नाम प्रकाशित नहीं करने के निवेदन के साथ व्यापारियों ने बताया कि जब तक दशहरा समिति पिछला बकाया अदा नहीं करती, तब तक वे सभी दशहरा उत्सव के लिए सामानों की आपूर्ति नहीं करेंगे।

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