प्रांतीय वॉच

डीएफओ बैकुंठपुर का तुगलकी फरमान,आहत वन कर्मचारियों ने घेरा वनमंडल

कोरिया वॉच ब्यूरो – कोरिया वनमण्डल के वनमण्डाधिकारी के तुगलकी फरमान से एक बार फिर वनकर्मियों में रोष है।इसके पूर्व भी एक DFO के द्वारा इसी प्रकार के फरमान से वनकर्मी काफी आहत हुए थे फलस्वरूप वन विभाग के उच्च अधिकारियों को इस विरोध का सामना करना पड़ा था।बता दे कि कोरिया वनमण्डल के सोनहत में पदस्थ वायरलेस ऑपरेटर दिनेश दुबे के धमकी व DFO के अनावश्यक फरमान से परेशान बड़ी संख्या में मैदानी कर्मचारियों ने वनमंडल का रुख किया।वनकर्मियों का आरोप है कि सोनहत में पदस्थ तथाकथित बाबू द्वारा आये दिन वेतन रोकने ट्रान्सफर कराने की धमकी दिया जाता है,जिसकी जानकारी उनके द्वारा कई बार वनमण्डाधिकारी को दी गई, यही नही खुद वनमण्डाधिकारी भी फारेस्ट हेड क्वार्टर के आदेश दिनाँक 21/01/2021 जिसमें स्पस्ट उल्लेख है कि बिना अनुमति व अनुमोदन के वन क्षेत्रपाल एव कर्मचारियों की पदस्थापना आदेश जारी नही किया जाए फिर भी उक्त आदेश के  विपरीत  dfo द्वारा कर्मचारियों स्थान्तरण कर अनावश्यक परेशान किया जा रहा है जिससे नाराज वनकर्मियों का गुस्सा फूट गया और वनमंडल तक पहुच गए।लगभग 3 घण्टे इंतजार करने पर भी कर्मचारियों DFO साहब मिलने कार्यालय नही आये।

तुगलकी आदेश से  पूर्व में बलरामपुर DFO को मिली थीं फटकार –

कोरिया वन मंडल की तरह पूर्व में वनमण्डलाधिकारी, बलरामपुर के आदेश क्रमांक / 12 दिनांक 13.01.2021 द्वारा कुल 25 उपवनक्षेत्रपाल/ वनपाल / वनरक्षकों का कार्य आवंटन के नाम पर पदस्थापना आदेश जारी किया गया था , जो की उच्च कार्यालय संदर्भित पत्रों द्वारा दिये गये निर्देशों का स्पष्ट रूप से उल्लंघन था । अतः वनमण्डलाधिकारी, बलरामपुर के उक्त आदेश क्रमांक / 12 दिनांक 13.01.2021 को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख को अवगत कराने का निर्देश पत्र जारी हुआ था । साथ ही यह भी निर्देशित किया  गया था  कि इस कार्यालय के बिना अनुमति / अनुमोदन के किसी भी वनक्षेत्रपाल / उपवनक्षेत्रपाल / वनपाल / वनरक्षक एवं अन्य लिपिक / चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदस्थापना का आदेश पूरे प्रदेश में जारी न किया जाये। निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करावें । किन्तु कोरिया जिले में उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद भी वन मण्डल अधिकारी द्वारा वन कर्मचारियों का स्थानांतरण कर तत्काल पदभार ग्रहण कर सूचित करने का निर्देश दिया गया जिससे शासन के आदेश निर्देश को लेकर ध्यान न देने पर वन मंडल कार्यालय की भूमिका संदेश के घेरे में है।

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