प्रांतीय वॉच

रेंजर और इंजीनियर ने मिलकर किया कमाल,एक ही नाला में तालाब के नजदीक बना दिया डेम

कोरिया वॉच ब्यूरो –कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ वन मण्डल में इन दिनों विकास की गंगा बह रही है।वनों की सुरक्षा छोड़ अधिकारी निर्माण कार्यो में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे है। लाखो की लागत से बन रहे वन मार्ग पहली ही बारिश में दम तोड़ रहे,यहां के प्रभारी तालाब डेम बनाने इतने उतावले हो गए है कि   फूटे तालाब की जाँच ही चल रही है और उसके नजदीक महज 20 मीटर की दूरी पर ऊपर ही अब कैम्पा मद से  डेम बना दे रहे है।वही खर्च भी 50 लाख से ऊपर बताया जा रहा जब कि पूर्व निर्मित तालाब की राशि घटनी थी किन्तु निर्माण एजेंसी ने इस बात की जानकारी उच्च अधिकारियों को न देकर पुराने तालाब के पास ही कैम्पा मद से लाखों खर्च कर डेम बना दिया गया  ताकि कैम्पा की राशि आहरण किया जा सके ।मामला मनेन्द्रगढ़ विकासखंड के  ग्राम भौंता का है।ग्राम भौंता में रोजगार गारंटी योजना से वर्ष 2016 -17 में जल संसाधन विभाग ने  दो वित्तिय वर्ष में लगभग 70 लाख से ज्यादा राशि खर्च कर खारी नाला तालाब व नहर का निर्माण कराया था।गुणवत्तापूर्ण कार्य न होने के कारण तालाब के मेड़ का मुख्य भाग बह गया था।अब उसी तालाब से बीस मीटर के दूरी पर वन विभाग ने फिर से डेम बना दिया है।बता दें कि मनेन्द्रगढ़ वन मण्डल अंतर्गत वन परिक्षेत्र मनेन्द्रगढ़ के प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी  लम्बे समय से इसी परिक्षेत्र में सेवा दे रहे है।तालाब,डेम बनाने के शौकीन प्रभारी रेंजर के द्वारा मनेन्द्रगढ़ परिक्षेत्र में जितने भी तालाब डेम बनवाए गए है वह देखने लायक है।अंधाधुंध राशि खर्च कर बनाये गए तालाबो का उपयोग आज कुछ भी नही है।लाखो के तालाब आज खेत का आकार ले चुके है,वर्तमान में इनके द्वारा 65 लाख ख़र्च कर अर्दन डेम बनाया गया जो अब पूर्व तालाब को लेकर  विवादों में है।

गौरतलब है कि नरवा विकास योजना से तहत  ग्राम भौंता में जिस अर्दन डेम का निर्माण कार्य वन विभाग ने कराया है उसी स्थान पर महज 20 मीटर की दूरी पर जल संसाधन विभाग ने रोजगार गारंटी योजना से पूर्व में तालाब बनाया था।रोजगार गारंटी योजना से बने तालाब की कोई गारंटी नही की वह कब बह जाए और हुआ भी कुछ ऐसा ही तालाब के मेड बीच का हिस्सा बह गया,फिर क्या वन विभाग ने दोबारा उस स्थान पर डेम बनाने सोची और नरवा विकास योजना से(कैम्पा मद)65 लाख की लागत राशि से अर्दन डेम बना दिया।नरवा विकास योजना अंतर्गत कार्यों की देखरेख के लिये नियुक्त तकनीकी अधिकारी भी मानते है कि अर्दन डेम की दूरी पहले वाले तालाब से मात्र 20-30 मीटर ही है। जहा अधिकारी के कहने पे कैम्पा मद से यहाँ डेम का निर्माण कराया गया हैं ।

मनरेगा से निर्मित तालाब के टूटने की चल रही जाच –

जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता ए टोप्पो  से मिली जानकारी अनुसार उक्त स्थान पर मनरेगा से लगभग 70 लाख रुपये की स्वीकृति तालाब व नहर निर्माण के लिए स्वीकृति हुई थी जहा तालाब के टूट जाने से आज भी जाच लंबित हैं जब कि उक्त कार्य मे विभाग के अनुसार लगभग 50 लाख रुपये खर्च किये जा चुके हैं । ऐसे में पूर्व तालाब के बिना जाच पूरा हुए कैम्पा मद से इतनी बड़ी राशि वन विभाग द्वारा  खर्च करना कहि न कही निर्माण को लेकर कई सवाल छोड़ गया जो कि अब जाच के पस्चात ही स्पष्ट होगा कि आखिर ऐसी क्या मजबुरी थी।

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