संजय महीलांग नवागढ़
नगर पंचायत नवागढ़ में नशा मुक्ति के तमाम प्रयास के
बावजूद बच्चों युवाओं में मादक पदार्थों की लत बढ़ रही है। नशे की यह आदत चोरी, लूटपाट दुष्कर्म की घटनाओं को बढ़ावा दे रही है। बच्चों को लगता है कि नशा करने से निराश, तनाव अकेलेपन को दूर किया जा सकता है, लेकिन इन्हें क्या पता कि यह तो एक बीमारी है, जिसके वे शिकार हो रहे हैं। वहीं, वे अपने कैरियर के साथ खिलवाड़ भी कर रहे हैं। नवागढ़, के अलग अलग वार्डो और गांवों के युवा पूरी तरह नशे की चपेट में हैं। खांसी में उपयोग आनेवाली दवा कोरेक्स की मांग बढ़ गई है। इसका उपयोग नशा उत्पाद के रूप में होता है, इसलिए इस पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। कोरेक्स की सप्लाई बंद है। इसके बावजूद कोरेक्स की बिक्री अवैध तरीके से जारी है। नवागढ़ में प्रति बोतल कोरेक्स 360 रुपए तक में बेची जा रही है, जबकि इसका अधिकतम खुदरा मूल्य 90 रुपए है। बताया गया कि युवा कोरेक्स का नशा करते हैं।
नशे के रूप में इसका इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति रोजाना 5-6 बोतल कोरेक्स गटक जाता है। फेंसीड्रील कफ सिरप पर भी युवा जोर देते हैं। कई किशोरों ने तो नशापान को अपना फैशन बना लिया है। बचपना, किशोरावस्था सिसक रहा है, पर समाज के जवाबदार लोग खामोश हैं। इसे रोकने के लिए समाज की ओर से भी सार्थक पहल नहीं हो रहा है।
कोरैक्स पीने ये होता है नुकसान
{इसके अधिक उपयोग से इंसान दिमागी नियंत्रण खो देता है
{ अत्यधिक सेवन करने वाला भ्रम का शिकार हो जाता है
{ निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है
{ इंसान आत्म विश्वास खोने लगता है
शारीरिक दुर्बलता आती है
{ खान पान में कमी एवं कब्जियत का शिकार हो जाता है
{ वाहनो से दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है
नशा का ये हैं उपाय
नशा पान के विरुद्ध प्रशासन को कड़ा कदम उठाना होगा। अभिभावकों को बच्चों पर कड़ी निगरानी रखनी होगी। युवाओं को नशापान से होने वाले बीमारियों के प्रति जागरूक करना होगा। बिना चिकित्सकीय सलाह के नशीली दवाइयों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना होगा।
बिना पर्ची की मिलती है दवा
एक नशेड़ी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हमें नशे की दवाइयां बिना डॉक्टरी पर्ची के आसानी से मिल जाती है। कई चाय या पान की दुकानों एवं होटलों मे भी नशे की दवाइयां आसानी से मिल जाती है।
नगर में यहां लगता है जमावड़ा
ऐसे नशेड़ियों का जमावड़ा नवागढ़ के हाई स्कूल मैदान, बस स्टैंड नगर पंचायत पंचायत भवन के पास,साप्ताहिक हाटबाजार परिसर आदि जगहों पर लगता है।
ऐसे करते हैं इस्तेमाल
कोरेक्स पीने वाले अधिक नशा करने के लिए चीनी, रसगुल्ला, चाकलेट या मीठी चाय का सेवन कोरेक्स के साथ करते हैं। कई युवा तो एक ही दिन में तीन से चार कोरेक्स की बोतल साफ कर देते हैं।
नशा के लिए युवा अपना रहे कई तरीके
किशोर अधिकतर गांजा का उपयोग करते हैं। गरीब बच्चे डेंड्राइट, आयोडेक्स कुछ दवा से काम चला रहे हैं। हाल के दिनों में युवा कोरेक्स फेंसीड्रील कफ सिरप, नींद की दवा एलजोलम आदि का उपयोग कर रहे हैं। दर्द निवारक कैप्सूल स्पासमो प्रोक्सीवोन का भी धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। कुछ लोग कैप्सूल को कोरेक्स के साथ मिलाकर सेवन करते हैं। क्षेत्र में कोरेक्स को नशेड़ी चोंडे भी कहते हैं। यह नाम क्षेत्र में खूब प्रचलित है।