पेट्रोल- डीजल

Pakistan Fuel Crisis: पेट्रोल डीजल की बूंद-बूंद को तरसेगा पाकिस्तान! विदेशी बैंकों ने दिया बड़ा झटका

Pakistan Fuel Crisis: पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहा है. खाने-पीने की आम आदमी की पकड़ से दूर होती जा रही हैं. इसी बीच अब एक ऐसी खबर आई है जिसके बाद लग रहा है कि जल्द ही पाकिस्तान के लोग पेट्रोल और डीजल के लिए तरसने वाले हैं. क्योंकि बढ़ते सब्सिडी आवंटन के बीच, पाकिस्तान के तेल उद्योग को अब कच्चे और तेल उत्पादों के आयात के लिए अंतरराष्ट्रीय फंड की व्यवस्था करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

 

तेल आयात हो रहा दिन-ब-दिन कठिन

जानकार सूत्रों ने डॉन न्यूज को बताया कि पेट्रोलियम डिवीजन ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को सूचित किया था कि तेल आयात की व्यवस्था दिन-ब-दिन कठिन होती जा रही थी. क्योंकि विदेशी बैंक अब पाकिस्तान के लिए फंड देने के मामले में हाथ पीछे कर रहे हैं. तेल विपणन कंपनियों (OMC) द्वारा खोले गए लेटर ऑफ क्रेडिट (LC) के खिलाफ वित्तपोषण प्रदान नहीं कर रहे हैं.

 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने डॉन को बताया कि दो बड़े निगमों, पाकिस्तान स्टेट ऑयल (पीएसओ) और पाक-अरब रिफाइनरी लिमिटेड (पार्को) को छोड़कर, सभी ओएमसी और रिफाइनरी पेट्रोलियम उत्पादों और कच्चे तेल के आयात की व्यवस्था करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि उत्पाद के आधार पर प्रत्येक 350-500 मिलियन डॉलर के लगभग छह-सात कार्गो वर्तमान में कठिन वित्तीय दौर से गुजर रहे हैं. इनके बारे में संबंधित मंत्रालयों के कुछ महत्वपूर्ण बयानों के बाद बढ़े हुए जोखिम के कारण सामने आ चुके हैं.

 

बैंक नहीं दे रहे क्रेडिट कवर

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी बैंक तेल उद्योग की ओर से एलसी खोल रहे हैं, लेकिन उनके सहयोगी बैंक क्रेडिट कवर नहीं दे रहे हैं. पेट्रोलियम विभाग द्वारा प्रधान मंत्री कार्यालय और वित्त मंत्री को भेजी गई एक तेल उद्योग की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘दुर्भाग्य से, देश की ईंधन आपूर्ति को अब सीमित ऋण सुविधाओं, उच्च मुद्रास्फीति और रुपये-डॉलर के बढ़ते अंतर से भी गंभीर खतरा हो रहा है.’

 

कमजोर हुआ तेल उद्योग

तेल उद्योग ने सरकार को बताया है कि इस वित्तीय संकट ने तेल उद्योग को बेहद कमजोर और नाजुक बना दिया है और कहा कि इससे ‘आपूर्ति श्रृंखला टूट सकती है’.

 

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Pakistan Fuel Crisis: पेट्रोल डीजल की बूंद-बूंद को तरसेगा पाकिस्तान! विदेशी बैंकों ने दिया बड़ा झटका

Pakistan Fuel Crisis: पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहा है. खाने-पीने की आम आदमी की पकड़ से दूर होती जा रही हैं. इसी बीच अब एक ऐसी खबर आई है जिसके बाद लग रहा है कि जल्द ही पाकिस्तान के लोग पेट्रोल और डीजल के लिए तरसने वाले हैं. क्योंकि बढ़ते सब्सिडी आवंटन के बीच, पाकिस्तान के तेल उद्योग को अब कच्चे और तेल उत्पादों के आयात के लिए अंतरराष्ट्रीय फंड की व्यवस्था करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

 

तेल आयात हो रहा दिन-ब-दिन कठिन

Pakistan Fuel Crisis जानकार सूत्रों ने डॉन न्यूज को बताया कि पेट्रोलियम डिवीजन ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को सूचित किया था कि तेल आयात की व्यवस्था दिन-ब-दिन कठिन होती जा रही थी. क्योंकि विदेशी बैंक अब पाकिस्तान के लिए फंड देने के मामले में हाथ पीछे कर रहे हैं. तेल विपणन कंपनियों (डटउ) द्वारा खोले गए लेटर ऑफ क्रेडिट (छउ) के खिलाफ वित्तपोषण प्रदान नहीं कर रहे हैं.

 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने डॉन को बताया कि दो बड़े निगमों, पाकिस्तान स्टेट ऑयल (पीएसओ) और पाक-अरब रिफाइनरी लिमिटेड (पार्को) को छोड़कर, सभी ओएमसी और रिफाइनरी पेट्रोलियम उत्पादों और कच्चे तेल के आयात की व्यवस्था करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि उत्पाद के आधार पर प्रत्येक 350-500 मिलियन डॉलर के लगभग छह-सात कार्गो वर्तमान में कठिन वित्तीय दौर से गुजर रहे हैं. इनके बारे में संबंधित मंत्रालयों के कुछ महत्वपूर्ण बयानों के बाद बढ़े हुए जोखिम के कारण सामने आ चुके हैं.

 

बैंक नहीं दे रहे क्रेडिट कवर

Pakistan Fuel Crisis डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी बैंक तेल उद्योग की ओर से एलसी खोल रहे हैं, लेकिन उनके सहयोगी बैंक क्रेडिट कवर नहीं दे रहे हैं. पेट्रोलियम विभाग द्वारा प्रधान मंत्री कार्यालय और वित्त मंत्री को भेजी गई एक तेल उद्योग की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘दुर्भाग्य से, देश की ईंधन आपूर्ति को अब सीमित ऋण सुविधाओं, उच्च मुद्रास्फीति और रुपये-डॉलर के बढ़ते अंतर से भी गंभीर खतरा हो रहा है.’

 

कमजोर हुआ तेल उद्योग

Pakistan Fuel Crisis तेल उद्योग ने सरकार को बताया है कि इस वित्तीय संकट ने तेल उद्योग को बेहद कमजोर और नाजुक बना दिया है और कहा कि इससे ‘आपूर्ति श्रृंखला टूट सकती है’.

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