रायपुर वॉच

खाद की दाम बढ़ने से किसानो मे आक्रोश

 

(वीरेन्द्र साहू)तिल्दा नेवरा:-खाद के दाम बढ़ने से किसानों में आक्रोश है। पिछले साल डीएपी खाद के दाम बढ़ने पर जमकर विरोध हुआ था, इसके बाद दाम में कमी आई थी। इस साल भी खाद के बढ़े हुए दाम को लेकर किसान विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं।
अंचल के किसान खरीफ खेती-किसानी की तैयारी में जुट गए हैं।
खेतों की साफ-सफाई के साथ धान फसल के लिए खाद का स्टाक कर रहे हैं। इन दिनों किसान सोसाइटियों से ऋण लेने के बाद खाद का उठाव कर रहे हैं, लेकिन खाद के बढ़े हुए दाम को लेकर किसानों में काफी आक्रोश है।
सरोरा के उत्कृष्ट् कृषक मुकेश साहू ने बताया की पिछले साल की तुलना में इस साल पोटाश खाद के दाम में 700 रुपये प्रति बोरी की बढ़ोत्तरी हुई है। अब पोटाश 1700 रुपये बोरी हो गया है। इसी तरह डीएपी खाद पहले 1200 रुपये था, लेकिन अब दाम बढ़ने से 1350 रुपये हो गया है। इस तरह डीएपी के दाम में प्रति बोरी 150 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। और छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रति एकड़ 1 क्विंटल कंपोस्ट् खाद देने से क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है। खाद के उठाव करने पहुंचे किसान राधे श्याम साहू , घनश्याम साहू, आदि ने बताया कि खाद के दाम बढ़ने से अब खेती-किसानी फिर महंगा हो जाएगा। किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। दाम बढ़ने के बाद भी किसान मजबूरी में ऋण लेकर खेती-किसानी करते हैं, इसलिए महंगे दामों पर खाद खरीदने मजबूर है।

खुले बाजार में और बढ़ेगा दाम

वहीं खुले बाजार में डीएपी व पोटाश के दाम और महंगा हो जाएगा, क्योंकि इस दाम पर सहकारी सोसाइटियों में खाद दिया जा रहा है।
किसान मुकेश कुमार साहू ने बताया कि पोटाश व डीएपी खाद के दाम में सरकार ने बढ़ोत्तरी की है, जो उचित नहीं है। किसान पहले से ही बढ़ती महंगाई से हलाकान है। खाद के दाम कम करने की बजाय सरकार और बढ़ा रहे हैं, ऐसे में किसानी फिर महंगी हो जाएगी।

पिछले साल खाद के बढ़े दाम के विरोध में प्रदर्शन किया गया था, तो प्रधानमंत्री ने दाम को यथावत किया। इस साल भी खाद के बढ़े हुए दाम के विरोध में प्रदर्शन किया जाना चाहिए । सरकार द्वारा किसानों का शोषण किया जा रहा है, जो उचित नहीं है। औने-पौने दाम में किसानों के रबी धान को लिया जा रहा है, ऐसे में किसान दिनोंदिन कर्ज में डूब रहा है।

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