डेस्क। (RBI Repo Rate) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) संतोषजनक दायरे से बाहर पहुंच चुकी मुद्रास्फीति को देखते हुए मध्यम अवधि में आर्थिक स्थिरता बनाये रखने को जून महीने में मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है. ब्रिटेन की ब्रोकरेज कंपनी बार्कलेज के अर्थशास्त्रियों ने यह बात कही. उनका यह भी कहना है कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति अनुमान को संशोधित कर 6.2 से 6.5 प्रतिशत कर सकता है. यह रिजर्व बैंक के लिये निर्धारित मुद्रास्फीति की ऊपरी सीमा से अधिक है. रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के बीच रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
(RBI Repo Rate) आर्थिक वृद्धि के बारे में अर्थशास्त्रियों ने कहा कि आरबीआई 2022-23 के लिये जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि अनुमान को घटाकर सात प्रतिशत कर सकता है जबकि पूर्व में इसके 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी.
(RBI Repo Rate) बार्कलेज के मुख्य अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि आरबीआई जून में नीतिगत दर में एक और बड़ी वृद्धि कर सकता है. इसका कारण मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य से अधिक होने से आर्थिक स्थिरता के समक्ष जोखिम है. रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है। ”
(RBI Repo Rate) केंद्रीय बैंक ने चार मई को अचानक से नीतिगत दर में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि की थी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही कह चुके हैं कि जून में मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में एक और वृद्धि में ज्यादा सोचने वाली कोई बात नहीं है।
(RBI Repo Rate) बाजोरिया ने कहा कि आरबीआई के लिये मुख्य चुनौती मुद्रास्फीति के ऊपर जाने के साथ वृद्धि में कमी को लेकर जोखिम के बीच संतुलन बनाने की है. उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक ने संकेत दिया है कि मुद्रास्फीति प्रबंधन मौद्रिक नीति का प्रमुख लक्ष्य है. ऐसे में हमारा मानना है कि आरबीआई जून में रेपो दर 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत कर सकता है।
(RBI Repo Rate) बार्कलेज के अनुसार, बैंकों से और नकदी निकालने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. ऐसे में नकद आरक्षित अनुपात में फिर 0.50 प्रतिशत वृद्धि कर इसे पांच प्रतिशत के स्तर पर लाये जाने की संभावना है. (RBI Repo Rate) आरबीआई ने चार मई को सीआरआर (नकद आरक्षित अनुपात) को 0.50 प्रतिशत बढ़ाया था. इसके तहत बैंकों को जमा का एक हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना पड़ता है।