डेस्क। भारतीय रुपया दिनों दिन भारी गिरावट दर्ज कर रही है। जिसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए संकट के रूप में देखा जा रहा है। आज रुपये ने प्रति डालर 77.82 दर्ज की है। जो अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के रूप में देखा जा रहा है। मई माह के अंत तक 80 रुपये प्रति डालर पहुंचने का अनुमान भी लगाया जा रहा है।
पिछले कुछ दिनों से रुपया लगातार गिरावट दर्ज करती जा रही है। विशेषज्ञों की मानें तो ये सब अंतरराष्ट्रीय मार्केट के उथल-पुथल के चलते आयी है। वहीं इस पर जल्दी से लगाम नहीं लगाया गया, तो आर्थिक संकट की स्थिति नीर्मित हो सकती है।
खबरों की मानें तो अमेरिका के केंद्रीय बैंक यूएस फेडरल रिजर्व ने हाल में ही ब्याज दरों में वृद्धि की है, जिसके बाद डॉलर में लगातार मजबूती देखी जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और भारतीय बाजार से विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के कारण ऐसा हुआ है। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि मुद्रास्फीति को लेकर बढ़ती चिंता और ऋी िफी२ी१५ी जैसे केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरें और बढ़ाने की आशंका के बीच निवेशक जोखिम लेने से बच रहे हैं।
मैक्लई फाइनेंसियल सर्विसेज के सीईओ जमाल मैक्लई ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के बाद देश के कारोबारी माहौल में उथल-पुथल मचा हुआ है। आशंका जताई जा रही है कि फेडरल रिजर्व एक बार फिर ब्याज दरों में वृद्धि कर सकता है। अगर फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाता है तो रुपए में और अधिक कमजोरी आ सकती है।