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IPS अधिकारी के घर मे IT की रेड…गड्डियां देख अधिकारी भी चौंके

नोएडा सेक्टर-50 स्थित लॉकर रूम में लगातार चौथे दिन आयकर विभाग की जांच जारी रही। विभाग की अन्वेषण शाखा ने लॉकरों के संचालकों से संपर्क साधा, लेकिन बुलाने के बावजूद कोई नहीं आया। इसके बाद कटर के जरिये पांच लॉकरों को कटवाया गया। एक के बाद एक लॉकर खुलते गए और नोटाें का जखीरा देखकर आयकर विभाग के अधिकारियों के होश उड़ते गए। विभागीय सूत्रों का कहना है कि छह करोड़ से अधिक की नगदी और तीन करोड़ रुपये से अधिक के जेवर लॉकरों से मिले हैं।

सेक्टर-50 में निजी एजेंसी के लॉकर रूम में कालाधन छुपाने की सूचना मिलने पर शनिवार शाम आयकर विभाग की टीम ने यहां दबिश दी थी। रूम में 600 से ज्यादा लॉकर मिले, जिन्हें खुलवाया गया। विभागीय सूत्रों के अनुसार, पांच लॉकर संदिग्ध मिले। लॉकर की सुविधा उपलब्ध कराने वाली एजेंसी के संचालकों से जानकारी हासिल कर मालिकों से संपर्क साधा गया, लेकिन तीन दिन के इंतजार के बाद बुलाने के बाद भी लोग नहीं आए। इसके बाद जांच टीम ने लॉकरों को कटवाने की कार्रवाई शुरू की।

 

जब लॉकर खुले तो सभी अधिकारी चौंक गए। लॉकरों में नगदी को देखकर अधिकारियों को नोट गिरने की मशीनें मंगानी पड़ीं। देर रात तक नोटों की गिनती जारी रही। बता दें कि कुछ इस तरह का नजारा पिछले दिनों कानपुर के कन्नौज में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर छापे के दौरान दिखा था।

कई हाईप्रोफाइल जांच के घेरे में
सूत्रों ने बताया कि मामले में कई हाईप्रोफाइल लोग जांच के घेरे में आ गए हैं। जिन लोगों के लॉकर हैं, उनमें एक दिल्ली का चार्टर्ड अकाउंटेंट, गाजियाबाद के दो बिल्डर और एक तंबाकू कारोबारी भी शामिल है। नियमानुसार किसी बैंक या लॉकर का खाता होने पर केवाईसी करानी होती है, लेकिन यहां इस तरह के नियमों का पालन नहीं हो रहा था। लॉकर के मालिक साबित नहीं कर पाए तो इसे बेनामी संपत्ति मानकर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, लॉकर मालिक आयकर के रडार पर आ चुके हैं।

पांच साल से बेसमेंट लॉकर की सुविधा
सेक्टर-50 के जिस घर के बेसमेंट में लॉकर मिले हैं, उसके मालिक एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। हालांकि, लॉकर की सुविधा जिस सेफ्टी वॉल्ट के नाम से उपलब्ध है वह उनके नाम पर नहीं है। पांच साल से यह एजेंसी किराये पर लॉकर उपलब्ध करा रही है।

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