नई दिल्ली। इनकम टैक्स की जिस राहत की बजट से उम्मीद थी, वो पूरी नहीं हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश बजट में इनकम टैक्स राहत देने का कोई एलान नहीं किया। इसका मतलब ये कि नौकरीपेशा वर्ग को 2.5 लाख से ज्यादा की आय पर टैक्स देना होगा। जबकि, सीनियर सिटिजन को 3 लाख से ज्यादा की आय पर टैक्स चुकाना होगा। टैक्स बचाने के लिए 1.5 लाख तक के निवेश को भी वित्त मंत्री ने इस बार बजट में नहीं बढ़ाया है। साथ ही अन्य टैक्स की दरें भी जस की तस उन्होंने रखी हैं। वित्त मंत्री ने एलान किया है कि अब किसी टैक्स रेड में मिली अघोषित संपत्ति का सेटलमेंट नहीं होगा। यानी आय से ज्यादा जो भी संपत्ति छापे में मिलेगी, उसे सरकार जब्त कर लेगी। इसके अलावा करदाता को इतनी राहत दी गई है कि वो जो आय अपने रिटर्न में घोषित नहीं करेगा, उसे अगले 2 साल तक इनकम टैक्स को बता सकता है।
इसके बाद अगर घोषित आय में गड़बड़ी मिली, तो विभाग उस पर कार्रवाई करेगा। अब तक एक बार रिटर्न दाखिल करने के बाद उसे एक ही बार सुधारने का मौका मिलता था। नए नियम से करदाता 2 साल तक अपनी नई सुधरी हुई रिटर्न दाखिल कर सकेगा। राज्य सरकार के कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा लाभों में मदद करने और उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की कर कटौती की सीमा 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी करने का प्रस्ताव वित्त मंत्री ने दिया है। इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को ज्यादा बचत करने और इनकम टैक्स में राहत पाने का रास्ता मिलेगा।