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कोरोना की आड़ में जमकर मुनाफाखोरी, दाल की कीमत में एक दिन में 10 फीसदी बढ़ोतरी…खाने का तेल भी हुआ महंगा

दुर्ग. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की आड़ में लॉकडाउन की अफवाह फैलाकर मुनाफाखोरी का खेल शुरू हो गया है। हालात यह है कि रोजमर्रा की जरूरत का सामान दोगुने से भी ज्यादा कीमत पर बेचा जा रहा है। इंदिरा मार्केट और गंजपारा इलाके की किराना दुकानों में गुड़ाखू सहित सभी तम्बाकू उत्पाद दोगुने दाम पर बिक रहे हैं। वहीं तेल और दाल की कीमत में भी 10 फीसदी तक बढ़ोतरी कर बिक्री की जा रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के कारण पूरे देश में ऐहतियात बरती जा रही है। इसके कारण प्रदेश और जिले में आंशिक तौर पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। वहीं बाजारों में भी ऐहतियात के साथ दुकानों को खोलने के लिए कहा जा रहा है। इसका मकसद बाजारों में भीड़ कम कर वायरस के संक्रमण के खतरे को कम करना है, लेकिन इसकी आड़ में किराना के फुटकर दुकानों में मुनाफाखोरी की शिकायत सामने आ रही है। संकट की स्थिति का फायदा उठाकर दुकानदार मनमाने कीमत पर सामान बेच रहे हैं। फुटकर दुकानदारों की मानें तो थोक बाजार से ही ज्यादा कीमत पर सामान मिल रहा है।
कोरोना की आड़ में जमकर मुनाफाखोरी, दाल की कीमत में एक दिन में 10 फीसदी बढ़ोतरी, खाने का तेल भी हुआ महंगा

कोरोना की आड़ में जमकर मुनाफाखोरी, दाल की कीमत में एक दिन में 10 फीसदी बढ़ोतरी, खाने का तेल भी हुआ महंगा
तेल की कीमत में 20 से 30 रुपए बढ़ोतरी
गंजपारा के सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि किराने के दूसरे सामानों की कीमतों में भी मनमानी बढ़ोतरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि दो दिनों पूर्व राइस ब्रान तेल का एक टीना 2020 रुपए में दिया जा रहा था। वही शनिवार को 2150 से 2300 रुपए तक बेचा गया। लीटर के पैक में भी खाद्य तेल 5 से 10 रुपए महंगा बेचा गया। इसी तरह 85 रुपए किलो वाली अरहर दाल 92 से 95 रुपए किलो बेचा गया।
संक्रांति के लिए भी तिल-गुड़ महंगा
अगले सप्ताह मकर संक्रांति है। संक्रांति में तिल और गुड़ से बने खाद्य सामग्रियों का चलन है। इसे देखते हुए लोग तिल गुड़ लेने भी बाजार पहुंच रहे हैं। इसका भी दुकानदार जमकर फायदा उठा रहे हैं। शनिवार को तिल 120 और गुड़ 50 रुपए किलो की दर से बिका। खरीदारों के मुताबिक यह दो से तीन दिन पहले की कीमत से 10 से 15 रुपए ज्यादा है।
पिछले साल भी उड़ी थी अफवाह
कोरोना के पिछले संक्रमण के दौर में भी इसी तरह अफवाह फैलाकर मुनाफाखोरी की शिकायत सामने आई थी। तब जरूरी खाद्य सामग्रियों की कीमतों के बढऩे के साथ नमक के शार्टेज की अफवाह फैला दी गई थी। इसके चलते नमक के चिल्हर व थोक दुकानदारों के प्रतिष्ठानों में लोगों की कतार लग गई थी। इस बार ऐसी स्थिति नहीं है, लेकिन मुनाफाखोरी का खेल शुरू हो गया है। खाद्य नियंत्रक दुर्गसीपी दीपांकर ने बताया कि लॉकडाउन अथवा सामग्रियों की कमी जैसी कोई भी स्थिति नहीं है। प्रशासन सभी सामानों की सप्लाई सामान्य रहे, इसके लिए प्रतिबद्ध है। यदि कोई ज्यादा कीमत पर सामग्री बेच रहा है तो इसकी शिकायत की जा सकती है। अभी तक किसी ने भी ऐसी शिकायत नहीं की है। नगर निगम के अधिकारियों को बाजार पर नजर रखने के निर्देश दिए गए है। शिकायत मिली तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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