नवागढ़ ब्यूरो (संजय महिलांग ) | गुरुकुल विद्यालय नवागढ़ में छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया दिवस मनाया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ के जाने-माने कवि मीर अली मीर का मुख्य अतिथि के रूप के आगमन हुआ। अध्यक्षता नगर प्रधान विकास धर दीवान ने की। साथ में छंदकार रमेश कुमार चौहान तथा हास्य कवि मनोज श्रीवास्तव भी सम्मिलित हुए।
मीर अली मीर ने अपनी विभिन्न रचनाओं से विद्यार्थियों और शिक्षकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अपनी प्रसिद्ध रचना नंदा जाही का रे से श्रोताओं का दिल जीत लिया। उन्होंने बेटियों पर तथा कुछ श्रृंगार की भी रचनाएं पढ़ी। साथ छत्तीसगढ़ी खेलो पर भी छंद प्रस्तुत किये।
विकास दीवान ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को बनाने के लिए कवियों और साहित्यकारों ने भगीरथ प्रयास किया है जिसके फलस्वरूप वर्तमान छत्तीसगढ़ की परिकल्पना साकार हो पाई है। उन्होंने कहा राज्य उत्सव पर विद्यालय मर इस तरह का पारंपरिक आयोजन अद्भुत है, अन्य विद्यालयों को भी इसका अनुसरण करना चाहिये ताकि बच्चों को छत्तीसगढ़ी संस्कृति का ज्ञान हो |
काव्य पाठ की कड़ी में मनोज श्रीवास्तव ने छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ी की अस्मिता को काव्य रूप में प्रदर्शित करते हुए कहा कि तोला छत्तीसगढ़ी आथे, मुरई भाटा के सागर तोला अड़बड़ मीठाथे फेर तोला छत्तीसगढ़ी आथे। व्यंग्यकार रमेश कुमार चौहान ने छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ दाई के परत हो पाव ला, जेखर लुगरा छोरे, बांटे हे सुख छांव ला। विद्यालय के छात्र छात्राओं ने छत्तीसगढ़ी के विभिन्न पारंपरिक गीतों पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया जिससे वहां पर आनंददाई वातावरण का निर्माण हुआ |
समग्र रूप से एक अनूठी और नवीन परंपरा का कार्यक्रम गुरुकुल विद्यालय ने प्रस्तुत किया जो काबिले तारीफ रहा और सभी ने उस कार्यक्रम की प्रशंसा की साथ ही छत्तीसगढ़ के विलुप्तप्राय प्रतीकों का प्रदर्शनी भी विद्यालय द्वारा लगाया गया। जिसमें करघा, बटुवा, खटिया, जैसे सभी प्राचीन उपयोग होने वाले वाली छत्तीसगढ़ी औजार, बर्तन एवं वस्तुओं को रखा गया जो वर्तमान में दिखाई नहीं देते। कार्यक्रम के अंत में राजेश दीवान ने आभार प्रदर्शन किया |
इस अवसर पर प्राचार्य संयुक्ता सिंह, मेघा दीवान , रामनाथ ध्रुव, तनु दीवान, दिलीप जायसवाल सहित विद्यालय के स्टाफ उपस्थित रहे |