प्रांतीय वॉच

छात्र/छात्राओं के हित में आगे आए छत्तीसगढ़ जोगी कांग्रेस (जे)

  • कोर कमेटी के सदस्य/छात्र छात्राओं के साथ राज्यपाल के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
  • शिक्षकों की कमी होने से शिक्षा हो रही बाधित
तिलकराम मंडावी/डोंगरगढ़। जिले की एकमात्र शिक्षण संस्था जिसकी आधारशिला पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के कर कमलों द्वारा रखी गई थी। उसे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार व स्थानीय स्तर पर कांग्रेस के कद्दावर जनप्रतिनिधियों के होते हुए भी स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में समाहित होने से नहीं रोका जा सका। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व स्थानीय राजनेताओं की मंशा के विपरित आयरन लेडी के नाम से विख्यात इंदिरा गांधी की स्मृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के स्थान पर जिले के आला अधिकारियों ने स्मृति के विलुप्त होने की परवाह न करते हुए शहर के ऐतिहासिक हायर सेकेंडरी स्कूल को स्वामी आत्मानंद हायर सेकेंडरी स्कूल में समाहित कर दिया। स्कूल का नाम इंदिरा गांधी रखने भेजा गया। स्व. इंदिरा गांधी के हाथों शिलान्यास किए गए हिंदी मीडियम हायर सेकेंडरी स्कूल के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट  अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में समाहित होने के चलते प्रक्रिया के बीच शाला विकास समिति की ओर से हिंदी मीडियम स्कूल को यथावत रखें। स्वामी आत्मानंद स्कूल में हिंदी मीडियम स्कूल को समाहित करने की स्थिति में स्कूल का नाम स्वर्गीय इंदिरा गांधी के नाम से करने के भेजे गए प्रस्ताव को प्रशासन ने सीधे तौर पर नकार दिया है।
शास.बालक उच्च.मा.शाला के 5 शिक्षको का अन्य स्कूलों में संलग्निकरण अध्यापन कार्य में किया गया है और अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में हिंदी मीडियम स्कूल को संलग्न करना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। जिससे हिंदी माध्यम के बच्चो के लिए भारी नुकसान हो रहा है जो विषय विशेषज्ञों के द्वारा दोनों पाली के बच्चो को उसी विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाया जाना है। जो संभव प्रतीत नहीं होता प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा स्वामी आत्मानंद के नाम से प्रारंभ किए गए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को  दुरुस्त किए जाने के कारण हिंदी मीडियम स्कूल के अध्यापन कार्य में व्यापक असर पड़ा है। हिंदी मीडियम के कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक 800 दर्ज संख्या वाले विद्यार्थियों के लिए 13 कक्षाएं संचालित की जा रही है। शासन द्वारा आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में 43 पदों का सेटअप दिया गया है। जो हिंदी व अंग्रेजी माध्यम के छात्रों की जनसंख्या के अनुसार पर्याप्त नहीं हैं।
शासन द्वारा अंग्रेजी माध्यम स्कूल के लिए जो व्यवस्था किया गया है। जिसमें अंग्रेजी माध्यम में संलग्न किए गए हिंदी माध्यम के अध्ययनरत बच्चों की दर्ज संख्या को नजर अंदाज किया गया है। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के संचालन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने के लिए जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा लिए जा रहे निर्णय में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा सीधे तौर पर दिखलाई पड़ रही है। छात्र/छात्राओं को हफ्ते में एक या दो दिन ही स्कूल बुलाया जा रहा है जिससे बच्चो की पढ़ाई  गुणवत्तापूर्वक नही हो पा रहा है। जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि अंग्रेजी माध्यम को प्राथमिकता एवं मातृ भाषा हिंदी को कोसो दूर करने का प्रयास हो रहा है। जिससे आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने नवीन अग्रवाल सदस्य कोर कमेटी सदस्य जेसीसीजे के समर्थन में आज ज्ञापन सौपा।

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