रायपुर : नवरात्र की राजधानी रायपुर में धूम मची हुई है। यहां के प्रमुख देवी मंदिरों महामाया मंदिर, बंजारी धाम, कंकालिन माता, आकाशवाणी काली माता मंदिर, दंतेश्वरी मंदिर (कुशालपुर), पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय परिसर स्थित बंजारी धाम रावांभाठा आदि में हजारों की संख्या में दीप प्रज्वलित किए गए। जानकारी के अनुसार रायपुर शहर के विभिन्न मंदिरों में 50 हजार से अधिक जोत जलाई गई है। वहीं कई घरों में जोत-जंवारा बोया गया है। दूसरी ओर मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना के लिए गुरुवार को सुबह से श्रद्धालु डीजे, बैंड, धुमाल के साथ नाचते-गाते नजर आए। मां की प्रतिमा को विराजित करने के लिए यात्रा में सड़कों में अद्भुत नजारा देखने को मिला। पूरा शहर मां शेरा वाली के जयकारे के साथ गूंज उठा। वहीं पंडितों ने पूजा-पाठ अनुष्ठान करके प्रतिमा विराजित की। शहर में तकरीबन 1,000 से अधिक मां की प्रतिमाएं विभिन्न गली-मुहल्लों में विराजित हैं।
चकमक पत्थर से जोत जलाई
महामाया मंदिर के पुजारी मनोज शुक्ला ने बताया कि महामाया मंदिर परिसर परंपरा के अनुसार चकमक पत्थर की चिंगारी से जोत जलाई गई। बता दें कि शुरू से देवी-मंदिरों में नवरात्र का ज्योति कलश चकमक पत्थर से जलाने की परंपरा है, जो आज भी कायम है।
सेवा में लीन हुए श्रद्धालु
नवरात्र पर्व की शुरुआत होते ही श्रद्धालु माता दुर्गा की सेवा में लीन हो गए हैं। पंडालों में आकर्षक लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। नवरात्र गीतों की धूम मची हुई है।
राजधानी के प्रमुख मंदिर में ज्योति कलश की संख्या
- महामाया मंदिर – 4,654
- काली माता (आकाशवाणी) – 3,501
- कंकालिन माता मंदिर (कंकालिन पारा) – 605
- दंतेश्वरी मंदिर (कुशालपुर) – 1,300
- बंजारी धाम (रावांभाठा) – 10,105
- बंजारी धाम (रविवि परिसर) – 1,501