- पर्यटन मंत्री ने चंद्रखुरी पहुंचकर तैयारियों का लिया जायजा
- भीड़ बढ़ेगी, पार्किंग कम पड़ेगी, इसलिए कौशल्या माता मंदिर परिसर में नहीं होगा 7 अक्टूबर का आयोजन.
रायपुर : राम वन गमन पथ अंतर्गत आने वाले चंद्रखुरी स्थित कौशल्या माता मंदिर के जीर्णोद्धार और परिसर के सौंदर्यीकरण काम अंतिम छोर पर है। नवरात्रि के पहले दिन 7 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर्यटन परिपथ का शुभारंभ करेंगे। इसे लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। आयोजन स्थल को लेकर मंगलवार को अहम बदलाव किये गए है। प्रभु श्री राम के ननिहाल चंदखुरी का सौंदर्य अब पौराणिक कथाओं के नगरों जैसा ही आकर्षक होगा। राजधानी रायपुर के निकट स्थित इस गांव के प्राचीन कौशल्या मंदिर के मूल स्वरूप को यथावत रखते हुए, पूरे परिसर के सौंदर्यीकरण की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
पहले 3 दिवसीय सभी आयोजन मंदिर परिसर में ही होने थे, मगर 7 अक्टूबर वाले आयोजन को पुलिस अकादमी चंद्रखुरी में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। क्योंकि मंदिर परिसर में जगह कम है। पार्किंग की जगह भी छोटी है। इसलिए तय किया गया कि मुख्यमंत्री पुलिस अकादमी से पर्यटन परिपथ का शुभारंभ करेंगे। इन्हीं सब तैयारियों का जायजा लेने के लिए मंगलवार को पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू चंद्रखुरी पहुंचे। उन्होंने इस दौरान अधिकारियों को 6 अक्टूबर की शाम तक सभी कार्य पूरा कर लेने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि परिपथ के तहत प्रमुख रूप से सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा, जगदलपुर और रामाराम को विकसित किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप भगवान राम के वनवास काल से जुड़े छत्तीसगढ़ स्थित, स्थलों को परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस मौके पर पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, पर्यटन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., प्रबंध संचालक यशवंत कुमार, रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार, पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल और पर्यटन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। आकर्षण के प्रमुख केंद्र- 1- विश्व का एकमात्र माता कौशल्या मंदिर। 2- भगवान राम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा। 3- तालाब के बीच में मंदिर और तालाबों में समुद्र मंथन और भगवान विष्णु शेष नाग पर विराजमान की आकृति।
प्रभु श्री राम के ननिहाल चंदखुरी का सौंदर्य अब पौराणिक कथाओं के नगरों जैसा ही आकर्षक होगा।
राजधानी रायपुर के निकट स्थित इस गांव के प्राचीन कौशल्या मंदिर के मूल स्वरूप को यथावत रखते हुए, पूरे परिसर के सौंदर्यीकरण की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
।।जय सिया राम।। pic.twitter.com/6Rm1cGk48U
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 1, 2020