पुलस्त शर्मा/मैनपुर : मई-जून के माह में शहर हो या गांव हर जगह पीने के पानी की समस्या आती हैं और लोगो को पानी के लिए जद्दोजहद करते देखा जा सकता हैं शहरी क्षेत्रों में तो निगम, पालिका और नगर पंचायत पानी टैंकरों से नागरिकों को पानी मुहैया करा देता है जिससे नागरिकों की समस्या कुछ हद तक कम हो जाती है, पर सबसे अधिक मुसीबत वनांचल ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को होती हैं उन्हें पीने के पानी के लिए काफी मशक्कत करना पड़ता हैं जहां पर सरकारी हैंडपंप हो तो वहां से पानी भर लेते हैं पर जहां हैंडपंप नहीं है उन्हें अपनी और अपने परिवार की प्यास बुझाने के लिए आज भी कई किलो मीटर की दूरी तय करना पड़ता हैं तब कही जाकर उन्हें पीने लायक पानी मिल पाता है। यह समस्या प्रदेश के एक गांव की नहीं अनेकों गांव की हैं जहां की महिलाएं रोज पानी के लिए जद्दोजहद करती हैं फिलहाल हम बात कर रहे हैं, विकासखंड मुख्यालय मैनपुर राजापडा़व क्षेत्र के ग्राम पंचायत शोभा के आश्रित ग्राम करेली के झाँकर पारा के निवासियों की। यहां हैंडपंप नहीं होने के कारण गांव की महिलाओं को दूर जाकर बड़ी मुश्किलों से पीने के लिए पानी का जुगाड़ करना पड़ता हैं, और उनकी परेशानियों को देखते हुए खुद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधीनस्थ कर्मचारियों के पहल पर झांझर पारा में मई-जून के आसपास बोर खनन कराया गया तो गांव की महिलाओं को लगा कि अब पीने के पानी के लिए मिलों का सफर नहीं करना पड़ेगा इस बात को लेकर उनके चेहरे पर मुस्कान थी, लेकिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बोर खनन के महीनों बीत जाने बाद हैंडपंप नही लगाया तो उनके चेहरे की मुस्कान गायब हो गई। जिस विभाग ने ग्रामीणों की परेशानियो को देखते हुए बोर खनन करवाया था आज उनके ही लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। आज भी पीने के पानी के लिए मोहल्ले वासियों को मिलों का सफर तय करना पड़ रहा है। इस संबंध में क्षेत्रीय आदिवासी नेता एवं ग्राम पटेल गौकरण मरकाम का कहना है कि विगत मई-जून में ग्रामीणों के मांग अनुसार विभागीय प्रयास से करेली झाँकर पारा में शुद्ध पेयजल के लिए बोर खनन तो किया गया लेकिन उसमें हैंड पंप फिटिंग नहीं किए जाने के कारण पीने के पानी के लिए मोहल्ले वासियों को काफी परेशानी उठाना पड़ रहा है। गरियाबंद जिले के कलेक्टर एवं संबंधित विभाग से मोहल्ले वासियों ने बोर खनन में हैंडपंप फिटिंग करवाने का मांग किया गया है।
क्या कहते है अधिकारी –
इस संबंध में एस.डी.ओ. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग गरियाबंद के.पी.शर्मा से चर्चा करने पर उन्होने बताया कि बोर खनन के साथ ही हैंडपंप फिटिंग करने की जिम्मेदारी एवं जवाबदेही मैकेनिकल का है फिलहाल हैंडपंप की कमी होने के चलते नहीं लग पा रहा है मैं तत्काल बोर मे हैण्डपंप लगावर ग्रामीणों की पेयजल समस्या को दूर किया जायेगा।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का गजब कारनामा, ग्रामीणों की प्यास बुझाने बोर तो खोद दिया पर हैण्डपंप लगाना भूल गए
