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पूरी कैबिनेट बदलने पर विवाद, रुपाणी के घर पहुंचे नाराज MLA, शाम तक टला शपथग्रहण

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नई दिल्ली : गुजरात में नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के शपथग्रहण के बाद आज बुधवार को कैबिनेट का गठन हो सकता है. लेकिन फिलहाल मामला फंसता नजर आ रहा है. दरअसल, नए चेहरों को लेकर पेच है. पहले मंत्रियों का शपथग्रहण दोपहर में होना था, जिसे शाम तक के लिए टाल दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, भूपेंद्र पटेल पूरे मंत्रिमंडल में बदलाव चाहते हैं, जिसपर अंदरूनी कलह बढ़ गई है. बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 90% मंत्री को हटा दिया जाएगा. सिर्फ एक या दो मंत्री ऐसे होंगे जिनको दोबोरा मंत्री बनाया जाएगा. इसको लेकर गुजरात बीजेपी में तनातनी तेज हो गई है. गुजरात में मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण से पहले वहां क्या हलचल है, पढ़ें ताजा अपडेट्स

पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के आवास पर पहुंचे नेता

मिली जानकारी के मुताबिक, ईश्वर पटेल, ईश्वर परमार, बचु खाबड़, वासण आहीर, योगेश पटेल पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के आवास पर पहुंचे हैं. यहां इनकी मीटिंग चल रही है. माना जा रहा है की मंत्री ना बनाए जाने की वजह से नाराज विधायक उनसे मिलने पहुंचे हैं

जानकारी के मुताबिक, भूपेंद्र पटेल सरकार की नई कैबिनेट (Gujarat new cabinet) में 21 से 22 मंत्रियों को बुधवार को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. मंत्रिमंडल में नए चेहरों को प्राथमिकता दी जाएगी और महिलाओं की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है. ऐसे में कई पुराने और दिग्गज नेताओं की कैबिनेट से छुट्टी भी होगी. जातीय समीकरण को बिठाने के साथ साफ-सुथरी छवि के नेताओं को मंत्रिमंडल में खास तवज्जो दिए जाने की रणनीति है.

नितिन पटेल-चुडास्मा को एडजस्ट करना भी चुनौती

विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद बीजेपी के दिग्गज नेता नितिन पटेल, भूपेंद्र सिंह चुडास्मा, आरसी फाल्दू और कौशिक पटेल के सियासी भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. रुपाणी सरकार में नितिन पटेल डिप्टी सीएम के साथ वित्त मंत्री थे तो भूपेंद्र सिंह चुडास्मा शिक्षा मंत्री का जिम्मा संभाल रहे थे. आरसी फाल्दू कृषि मंत्री हैं और कौशिक पटेल राजस्व मंत्री. ये चारों गुजरात में बीजेपी के पुराने चेहरे हैं.

भूपेंद्र पटेल के सीएम बनने से डिप्टी सीएम नितिन पटेल की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है. क्योंकि भूपेंद्र पटेल और नितिन पटेल दोनों पाटीदार समुदाय से हैं. सीएम और डिप्टी सीएम दोनों ही पद पर एक ही समाज को देने की संभावना कम है.

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