प्रांतीय वॉच

मनरेगा के तहत लाखों का पुलिया एस्टीमेट के विपरीत निर्माण पर जांच की मांग

Share this

देवभोग : इंजीनियर एसडीओ द्वारा पंचायतों में निर्माण पुल पुलिया को लेकर नियमानुसार कार्य करने की चेतावनी के बाद भी पंचायतों के सरपंच सचिव मनरेगा कार्यों में कांटा मारी कर रहे हैं। जिससे शासन को भी लाखों का चूना लगा रहा हैं । ऐसे ही ग्राम पंचायत माहुलकोट में देखने को मिल रहा है जहां मनरेगा के तहत ऊपर पारा से अजीत के खेत के बीच करीब ढाई लाख की लागत से पुलिया स्वीकृत हुआ और काफी लेट लतीफ के बाद बनाया गया पुलिया ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है क्योंकि पुलिया के आगे पीछे मुरुमी की जगह गीली मिट्टी से फिलिंग किया गया है जिसके चलते लोगों का इस मार्ग से आवागमन करने मे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है इसके अलावा पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के प्रावधान अनुसार मटेरियल का इस्तेमाल नहीं होने का आरोप भी ग्रामीणों द्वारा लगाया जा रहा है क्योंकि पंचायत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी एस्टीमेट के अनुसार एक घमेला सीमेंट दो घमेला रेती और चार घमेला गिट्टी का मसाला बना कर पुलिया में इस्तेमाल करने का स्पष्ट फरमान है लेकिन यह प्रावधान को ठेंगा दिखाते हुए कहीं रेती की मात्रा अधिक तो कहीं सीमेंट की मात्रा में कांटा मारी किए जाने का आरोप लगाया जा रहा शायद यही वजह है कि पुलिया में निर्माण मटेरियल धीरे धीरे उखाड़ रहे हैं । जिसका प्रमुख कारण पानी की तराई मैं कोताई बरतने को लेकर माना जाता है मतलब आने वाले दिनों में इस पुल पर दरार पड़ने की पूरी संभावना बन रही है जबकि पुलिया निर्माण के दौरान इंजीनियर और एसडीओ ने प्रावधान को ध्यान में रखते हुए पुलिया निर्माण करने की सख्त हिदायत दीया रहा मगर पुलिया मैं आर्थिक लाभ लेने के चलते सरपंच सचिव नियमों को पूरी तरह अनदेखा करने का आरोप लगाया है।जबकि पुलिया के आजू-बाजू गीली मिट्टी काफी ज्यादा पड़ी है जिसके चलते लोगों को आवाजाही मैं दिक्कतों का सामना करना पडता है ग्रामीणों का कहना है की सरपंच सचिव ने पुलिया तो जैसे तैसे निर्माण करा लिया लेकिन अब तक पुलिया के आगे पीछे मुन्नी से फीलिंग नहीं कराया जबकि इस मार्ग पर स्कूली बच्चों के अलावा पिकअप ट्रैक्टर का भी आवागमन काफी होता है। बावजूद इसके पुलिया का स्ट्रक्चर आड़ा तिरछा खड़ा कर मटेरियल में कांटा मारी किए जाने को लेकर जिम्मेदारों के कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है शायद यही वजह है कि ग्रामीणों में भी पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध नाराजगी देखने को मिल रहा है। क्योंकि स्वीकृत लागत अनुसार पूरी राशि का इस्तेमाल पुलिया निर्माण में किया जाता तो पुलिया मैं मजबूती देखने को मिलता मगर निर्माण एजेंसी की लालसा से लाखों का पुलिया भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गया है । जिसकी जांच कर कार्यवाही की मांग भी अब जोरों से उठने लगी है।

शिवकुमार नोरंग पीओ- कल निरीक्षण करने जाऊंगा और अगर नियम विरुद्ध पुलिया का निर्माण किया गया है नियमानुसार कार्यवाही किया जाएगा l

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *