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रेत के अवैध निकासी जोरों शोरों में सेटिंग प्रशासन पर सवाल

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टीकम निषाद/देवभोग : बीते माह से लगातार कुमड़ाई तेल नदी करलागुड़ा सेनमुडा खोक सरा सहित अन्य खदानों से रेती की अवैध निकासी काफी जोरों पर किया जा रहा है। बकायदा इसके लिए स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों का पूरा पूरा संरक्षण दिखाई पड़ता है। तभी मुख्यालय से होकर रेत माफिया गांव-गांव रेत पहुंचकर हजारों रुपए आए दिन कमा लेते हैं। और कमाई का कुछ हिस्सा चढ़ावा चढ़ा कर रेत खदान का दोहन कर रहे हैं । सिर्फ कुमडाई घाट और करलागुड़ा घाट से ही दिनभर 250 से अधिक ट्रिप रेट निकासी होता है। दिन के साथ साथ रात भर भी रेत की अवैध परिवहन किए जाने की बात सामने आती है। जिससे रातभर ग्रामीण भी परेशान होते हैं। गुस्साए लोगों ने कई बार स्थानीय अधिकारियों सहित अवैध रेत निकासी की लेकर सूचना करते हैं । लेकिन अधिकारियों द्वारा कर्मचारी भेजने जैसे रटा रटाया जवाब देकर ग्रामीणों को शांत कर देते हैं। मतलब रेत की अवैध निकासी रोककर खदान की दोहन से बचाने की जगह जिम्मेदार टालमटोल कर रेत माफिया को बढ़ावा दिया जा रहा है। सबसे दयनीय स्थिति तो तेल नदी घाट का है। क्योंकि रेत की अवैध निकासी नदी के साथ साथ सड़क की हालत भी खराब हो गई है । जिससे ग्रामीण भी काफी आक्रोशित हैं। लेकिन शिकायत भी किस अधिकारी के समक्ष दर्ज किया जाए। क्योंकि कई ट्रैक्टर रेत निकासी करते रंगे हाथ पकडे गए लेकिन आज तक नियम के तहत कार्यवाही नहीं हो पाया । बल्कि स्थानीय स्तर पर सांठगांठ कर ऐसे रेत से भरी ट्रैक्टर को छोड़ दिया जाता है। शायद यही वजह है। रेत निकासी पर लगाम लगने की जगह अवैध रेत निकासी गाड़ियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

टी आर देवांगन एस डी एम  : अगर रेत की अवैध निकासी किया जा रहा है तो उनके खिलाफ सक्त करवाही किया जाएगा l

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