पांडुका/नवापारा/राजिम : गरियाबंद जिले के कई गांव में बूंदी बाघ अर्थात तेंदुए का आतंक लगातार देखने को मिल रहा है गरियाबंद के वन्य ग्राम से लेकर प्लेन एरिया तक तेंदुए लगातार चहलकदमी कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण तेजी से घटते वन जिसके कारण वन्यजीवों को इनका आहार मिलने में बहुत परेशानी हो रही है और बेतहाशा बढ़ती जनसंख्या भी इनके रहवासी क्षेत्र में दखलअंदाजी का कारण बनती जा रही है भले ही दशकों पहले वहां मनुष्य निवास कर रहा था तो बहुत थोड़ी जनसंख्या थी छोटा सा गांव होता था लेकिन वही काफी बड़ी आबादी निवास करने लगी है जिससे काफी बड़ा दबाव जंगल पर और वन्य जीवों पर पड़ता है। यह तो तथ्यात्मक एनालिसिस है लेकिन यह भी विचारणीय प्रश्न है बढ़ती आबादी और घटते वन तो मनुष्य और वन्य प्राणी कहां जाएं? यह सभी जानते हैं भारी भरकम वन अमला इनके लिए भारी भरकम बजट लेकिन जिस हिसाब से इन्हें वनों की रक्षा और वन क्षेत्र में नए प्लाटेंशन करके नर्सरी और जंगल क्षेत्र तैयार करना है वह नहीं हो पा रहा। यह काफी बड़ा मुद्दा है अब हम मुख्य कवर स्टोरी पर आते हैं गरियाबंद से लगभग 3 /4किलोमीटर दूर वन्य ग्राम मरोदा है दिनांक 17 अगस्त 2021 को इसी ग्राम में लोमहर्षक बेहद हृदय विदारक घटना हुई।
शाम के धुंधलके मे तेंदुआ बच्ची को गांव के बीच से दबोच ले गया, छत्तीसगढ़ वाच के ब्यूरो प्रमुख महेंद्र सिंह ठाकुर से मरोदा ग्राम के एनर्जिक युवा सरपंच अभिमन्यु ध्रुव ने घटना के बारे में बताते हुए कहा मरोदा ग्राम के सुबे लाल कमार की नन्हीं प्यारी बेटी रानी कमार जो कि लगभग 9 वर्ष की थी अपने सहेली के यहां से खेल कर शाम 6:30 से 7:00 के बीच घर आ रही थी कि अचानक तेंदुए ने झपट्टा मारकर बच्ची को दबोच लिया और जंगल की ओर भाग् गया अभिमन्यु ध्रुव ने बताया बच्ची के मुंह से केवल हल्की सी चीख और दबीआवाज मां करके निकली और संयोग से उस समय वहां पर कोई नहीं था तेंदुआ पहले से लगता है वहां घात लगाए बैठा था। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह रही बच्ची को तेंदुआ उठा ले गया और माता पिता को यह लगा बच्ची अपनी सहेली के यहां सो गई होगी उन्होंने कोई खोज खबर नहीं ली। मंगलवार 17 अगस्त की घटना बुधवार 18 अगस्त को माता-पिता ने तथा परिजन खोज खबर लेने की कोशिश की जिसमें पूजा पाठ इष्ट देव की सवारी जानकारी की कोशिश की गई और जब कहीं कोई पता नहीं चला तब गरियाबंद कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई जिसमें दिनांक 19 अगस्त गुरुवार को पुलिस और वन अमला की संयुक्त टीम ने सर्च किया तो गांव से थोड़ी दूर महुआ पेड़ पर बच्ची के कुछ अतड़ी अवशेष और कुछ सिर के बाल मिले इससे यह तय हो गया कि बच्ची को तेंदुआ उठा ले गया था फिर 20 अगस्त शुक्रवार को सरपंच अभिमन्यु ध्रुव एवं परिजनों ने और खोज खबर ली तो गांव से लगभग 1:30 किलोमीटर दूर बच्ची का क्षत विक्षत सिर और एक हाथ मिला, जिससे पूरे अंचल में दुख और दहशत का माहौल बन गया गांव की लाडली बेटी रानी को कथित आदमखोर तेंदुआ ने अपना निवाला बना लिया है।
2 वर्ष के बीच में यह दूसरी घटना,,, मरोदा ग्राम के युवा सरपंच अभिमन्यु ने ध्रुव ने ब्यूरो को बताया इसके पूर्व यहां से 3 किलोमीटर कोचेना वन्य ग्राम मैं इसी गांव की घटना की तर्ज पर 9 साल के लड़के को इसी समय अवधि के बीच गांव से तेंदुआ उठा ले गया था वह भी घर के आंगन से। अफरातफरी के माहौल में जब गांव वाले हल्ला करते जंगल में तेंदुआ की खोज को निकले तो गांव से कुछ ही दूर में लोगों ने टार्च की रोशनी में देखा घनी झाड़ी के झुरमुट में तेंदुआ बच्चे का गला मुंह में दबाकर उसका खून पी रहा था जिसको देखकर सब के रोंगटे खड़े हो गए और हल्ला करने पर बच्चे को छोड़कर तेंदुआ भाग गया आनन-फानन में बच्चे को जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया था इतने अंतराल के बाद यह दूसरी घटना है लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है क्या वही तेंदुआ मासूम बच्चों का शिकार नहीं कर रहा। फिलहाल वन विभाग और पुलिस विभाग अपने नियमानुसार कार्रवाई कंप्लीट कर रहे हैं।
मासूम बच्ची बनी तेंदुए की शिकार, डेढ़ वर्ष में बच्चों के शिकार बनने का यह दूसरा मौका
