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जनपद पंचायत कसडोल की लापरवाही आई सामने, क्षेत्र के लोगों ने दिया ट्रस्ट पर जोर

  • मातागढ़ तुरतुरिया मंदिर के लाखों रुपये के नारियल हुए खराब
  • क्षेत्र के प्रसिद्ध मंदिर मातागढ़ तुरतुरिया के रखरखाव में सामने आई जनपद पंचायत की नाकामी

पुरुषोत्तम कैवर्त/कसडोल : भगवान श्रीरामके सुपुत्र लव कुश की जन्म स्थली एवं सदियों से लोगों की मन्नतें पूरी करने वाली संतान दात्री के रूप में प्रसिद्ध मातागढ़ तुरतुरिया की प्राचीन काली मंदिर हर साल जनपद पंचायत कसडोल को लाखों रुपए देने के बावजूद भी शासन प्रशासन से लगातार उपेक्षा का शिकार हो रहा है।वनांचल क्षेत्र के ग्रामीण मातागढ़ तुरतुरिया के विकास के लिए वर्षों से लगातार ट्रस्ट बनाने की मांग कर रहे हैं।अब तक कितने सरकारें आई और चली गई,किन्तु किसी भी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।यही कारण है कि हर साल लाखों रुपए जनपद पंचायत कसडोल को देने वाला मंदिर आज भी उपेक्षा का दंश झेल रहा है।क्षेत्र के लोगों सहित मंदिर के पुजारियों का कहना है कि माता गढ़ तुरतुरिया आस्था के केंद्र होने के साथ ही प्रसिद्ध पर्यटन स्थल होते हुए भी इनके विकास पर शासन प्रशासन बिलकुल ध्यान नहीं दे रहा है वहीं जनपद पंचायत कसडोलआज तक सिर्फ दोहन ही कर रहा है।इनके रखरखाव पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है और न ही पुजारियों की सुध ली जाती है।पुजारियों का कहना है कि कोरोना काल में लाँक डाउन के चलते श्रद्धालुओं का आना जाना बंद हो जाता है तो भी यहाँ के निरंतर जलने वाले जोत व पुजारियों के बारे में निवेदन करने पर भी जनपद पंचायत के जिम्मेदार लोग ध्यान नहीं देते।उल्टा कहते हैं कि हम कहाँ से व्यवस्था करेंगे।हर साल लाखों रुपए जनपद पंचायत को देने वाली माता गढ़ के लिए विषम परिस्थिति में जनपद पंचायत के जिम्मेदारों का इस तरह जवाब देना समझ से परे है।यह भी समझ परे है कि श्रद्धालुओं द्वारा मातारानी मे चढ़ाए गए लगभग 40000 नग नारियल जनपद पंचायत के अड़ियल रवैए एवं ना समझी के चलते बोरे मे भरे हुए सड़ रहे हैं।जो कि लाखों रुपए के बहुत बड़ा नुकसान है।
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि जनपद पंचायत द्वारा इस प्रसिद्ध मंदिर के विकास और रखरखाव पर किसी भी तरह से ध्यान नहीं दिया जा रहा है, सिर्फ और सिर्फ दोहन ही किया जा रहा है।सही तरह से मंदिर के आय व्यय का जांच किया जाय तो निश्चय ही लाखों रुपये के भ्रष्टाचार सामने आएंगे। इसलिए जरुरी है कि माता गढ़ तुरतुरिया के लिए शीघ्रातिशीघ्र ट्रस्ट का निर्माण किया जाय तभी इस प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर का वास्तविक विकास होगा।इस ओर शासन प्रशासन को गंभीरता पूर्वक विचार करने की आवश्यकता है।

मैं यहाँ अभी अभी नया आया हूँ, इसलिए इस संबंध में मुझे सही जानकारी नहीं हो पाई है।स्टाफ से जानकारी लेकर संज्ञान में लूँगा कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। फिर आपको अवगत कराऊंगा।

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