- शिक्षण लोक कल्याण का सबसे बड़ा माध्यम बने: श्री बघेल
- जिले की शिक्षिका श्रीमती लीना थॉमस राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित
- राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह 2020 का वर्चुअल आयोजन सम्पन्न
रविशकर गुप्ता/अम्बिकापुर : छत्तीसगढ़ के राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके के मुख्य आतिथ्य तथा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह 2020 में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मनित किया गया। इस सम्मान समारोह में राज्य स्तरीय शिक्षक स्मृति पुरस्कार हेतु चयनित 3 शिक्षकों तथा राज्य शिक्षक पुरस्कार 2019 हेतु चयनित 47 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। सरगुजा जिले से एक मात्र शिक्षिका श्रीमती लीना थॉमस को वर्ष 2019 के लिए राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया। कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के द्वारा स्वान कक्ष में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामपुर में पदस्थ व्याख्याता श्रीमती लीना थॉमस को उल्लेखनीय लोकसेवा एवं अनुकरणीय अध्यापन एवं उत्कृष्ट कार्य निष्पादन हेतु राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें 21 हजार रुपये का चेक, शाल -श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया ।
वर्चुअल माध्यम से आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को राज्यपाल कार्यलय से संबिधित करते हुए राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने कहा कि शिक्षक शिक्षा देने के साथ ही समाज निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। वर्तमान परिवेश के अनुसार शिक्षा को विद्यार्थियों के लिए आकर्षक और नवाचारी बनाने की आवश्यकता है ताकि विद्यर्थियों को शिक्षा ग्रहण करने में रुचि उत्पन्न हो और ज्ञान पिपासु बन सकें। उन्होंने कहा कि नए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस बात को ध्यान में रख गया है की बच्चो का समग्र विकास हो, विभिन्न कौशल से परिपूर्ण हो ताकि पढ़ाई के बाद आत्म निर्भर बन सकें। उन्होंने कहां कि शिक्षकों के सम्मान कीं परंपरा पुरातन समय से चली आ रही है। वर्तमान समय मे पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक केवल शिक्षण कार्य ही नही करते बल्कि अच्छा नागरिक बनने के गुण भी विकसित करते है। वे जलते हुए दीपक की तरह स्वयं जलकर हमारे जीवन मे प्रकाश फैलाते हैं। शिक्षकों ने कोरोना काल मे भी शिक्षा का दीपक जलाये रखा और ऑनलाइन ऑफलाइन माध्यम से शिक्षा का अलख जगाने में बाधा नही आने दिया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि सम्मान समारोह के माध्यम से हम नई पीढ़ी को शिक्षा,शिक्षण और समाज निर्माण में भूमिका को रेखांकित करते है। हमारा प्रयास है कि शिक्षण लोक कल्याण का सबसे बड़ा माध्यम बने। हमारे गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के ध्येय में अपनी परंपरा और शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होने कहा कि अध्यापन का पेशा अनादि काल से मौजूद है। पहले गुरुकुल शिक्षा पद्धति प्रचलित थी । गुरु को ईश्वर के समतुल्य माना गया है। वर्तमान समय मे शिक्षण प्रणांली में अनेक संशोधन किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा आशावाद का सबसे बड़ा कार्य है। यह एक ऐसा पेशा है जो अन्य सभी व्यवसायों को बनाता है। भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ एस राधा कृष्णन और डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम हम सभी के लिए प्रेरणा हैं।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि समाज मे शिक्षक का महत्वपूर्ण स्थान है। कोरोना काल मे विभिन्न माध्यमो से बच्चों को शिक्षा से जोड़े रख शिक्षा का अलख जगाया। वर्तमान दौर में शिक्षकों की भूमिका अधिक बढ़ जाती है।उन्होंने कहा कि सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान हो बल्कि मूल्य आधारित शिक्षा जरूरी है। विद्यार्थियो में जीवनमूल्य का विकास हो वे अर्थ के पीछे न दौड़कर जीवन मूल्यों को महत्व दें।