अक्कू रिजवी/कांकेर : कांकेर शहर तथा ज़िले में राज्य सरकार तथा कलेक्टर महोदय की कृपा से लॉकडाउन लगभग हट चुका है लेकिन कुछ शर्तों के साथ, जैसे मास्क का प्रयोग और सोशल डिस्टेंसिंग आवश्यक है, अन्यथा प्रशासन सख्ती कर सकता है। यह बात जानते हुए भी अनेक लोग शुरू से ही मास्क का प्रयोग छोड़ चुके हैं तथा हाट बाजार या छोटे-मोटे समारोह में भी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती रहती हैं। सरकार ही नहीं, वैज्ञानिकों का भी दावा है कि यदि केवल मास्क का प्रयोग ही आम जनता करती रहे, तो भी 90% केस कम हो सकते हैं। ऐसा अनेक जगह हुआ भी है लेकिन कांकेर में अधिकतर लोगों की मास्क से दुश्मनी है। यही कारण है कि कोरोना के घटते मामले अब पुनः बढ़ने लगे हैं और यदि इसी तरह बढ़ते गए तो इसमें कोई शक नहीं कि पुनः lock-down झेलना पड़ेगा, क्योंकि राज्य सरकार तथा कलेक्टर अब कोई जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। मार्च से अप्रैल माह में बिना मास्क वालों पर 200 से ₹500 तक फाइन हुए थे, जिसमें एक बड़ी रकम सरकारी खज़ाने में जमा हुई थी । वर्तमान में पुलिस ज्यादती नहीं कर रही है और बिना मास्क वालों को चेतावनी देकर छोड़ा जा रहा है। जब पुलिस देखेगी कि ऐसे काम नहीं चल रहा है तो पहले की तरह या उससे भी ज्यादा जुर्माने शुरू हो जाएंगे, ऐसा यातायात प्रभारी रोशन कौशिक महोदय का कहना है।
लोग भूलते जा रहे हैं मास्क का उपयोग कोरोना फिरसे बढ़ने के आसार नहीं हो रही है कोई कारवाही
