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छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा- राज्यों को राशि लौटाने में केंद्र सरकार को संकोच नहीं करना चाहिए

रायपुर : छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कोरोना वैक्सीन पर राज्य सरकार द्वारा खर्च की गई राशि लौटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार टीकाकरण को राष्ट्रीय कार्यक्रम बता रही है। इसके लिए बजट में 65 हजार करोड़ प्रविधान की बात कर रहे हैं। ऐसे में राज्यों को राशि लौटाने में केंद्र सरकार को संकोच नहीं करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट को (कोविशील्ड) 11 लाख 66 हजार 630 वैक्सीन और भारत बायोटेक को (कोवैक्सीन) दो लाख 52 हजार 270 समेत कुल 14 लाख 18 हजार 700 से ज्यादा डोज का आर्डर दिया है। इसकी कुल राशि 47 करोड़ 34 लाख रुपये है। अभी भी चार लाख 47 हजार वैक्सीन की सप्लाई नहीं हुई है।

केंद्र सरकार ने 18 से अधिक उम्र वाले सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन देने का फैसला किया है। इसको लेकर छत्तीसगढ़ में श्रेय की राजनीति शुरू हो गई है। भाजपाई इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त कर रहे हैं। वहीं कांग्रेसी कह रहे हैं कि यह पूरी कवायद वैक्सीनेशन प्रमाणपत्र पर फोटो छपवाने के लिए की गई है। कांग्रेस के ही कुछ नेता राहुल गांधी और अपनी पार्टी के साथ कोर्ट को श्रेय दे रहे हैं।

राज्य के पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने इस मामले में कांग्रेसियों के श्रेय लेने पर कटाक्ष किया है। चंद्राकर ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा है कि आपको कोविड-19, पोस्ट कोविड, ब्लैक फंगस, टीकाकरण के लिए मानव संसाधन आदि जो-जो केंद्र सरकार से मांगना है मांग लीजिए। पत्र लिख दीजिए ताकि भविष्य में श्रेय लेने या राजनीति करने में आपको कोई परेशानी न हो।

उन्होंने केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद विधायक निधि बहाल करने की भी मांग करते हुए कहा कि अब राज्य सरकार कोरोना सेस की कुल राशि कितनी है? उसका हिसाब दीजिए? और सेस कब समाप्त होगा? कर्मचारियों के वेतन की राशि का हिसाब दीजिए और भविष्य में अब कभी वेतन न काटा जाए।

वहीं, कांग्रेस के संचार विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने इस मामले में सीधे प्रधानमंत्री पर कटाक्ष किया है। त्रिवेदी ने कहा कि मोदी जी इस बात से नाराज थे कि कुछ राज्य टीका प्रमाण पत्र में उनकी फोटो ही नहीं लगा रहे थे। राज्यों का कहना भी ठीक था कि जब हम पैसा देंगे तो आपकी फोटो क्यों? अब इस फैसले से मोदीजी की ही फोटो लगेगी।

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