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क्यों नहीं हुई अब तक प्रदर्शनकारियों पर धारा 144 एवं 188 के तहत कार्यवाही कलेक्टर दें जवाब: प्रीतम सिन्हा

  • कोरोना गाइडलाइन आदेशों की उड़ाइ गई धज्जियाँ पर जिला प्रशासन मेहरबान क्यों….?
यामिनि चंद्राकर/छुरा : नगर पालिका परिषद गरियाबंद के घेराव का मंसूबा लेकर निकले तकरीबन 50 से 60 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना गाइड लाइन के आदेशों का जमकर उल्लंघन किया गया है । जबकि कलेक्टर गरियाबंद द्वारा ही आदेश जारी करते हुए सभी पार्टी गतिविधियों से जुड़े कार्यक्रमों जिसमें धरना प्रदर्शन, जुलूस,सभा,आंदोलन जैसे कार्यक्रमों पर सख्त प्रतिबंध के आदेश जारी किया गया है । तो फिर इन आंदोलनकारियों को किस तहत जिला प्रशासन के द्वारा छूट दी गई है । भाजपा नेता प्रीतम सिन्हा ने जिला प्रशासन पर एक बड़ा सवाल उठाते हुए कहा है कि जिला प्रशासन में बैठे कलेक्टर और एसडीएम इसका जवाब दें क्योंकि यह उनकी एक बड़ी जिम्मेदारी है । श्री सिन्हा ने कहा कि क्या कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के सख्त निर्देश केवल आम जनता के लिए ही लागू की गई है ? यदि जिला प्रशासन के ही आदेशों का अवहेलना करते हुए जिला प्रशासन के नाक के नीचे सभी नियमों को दरकिनार करके आंदोलन की जानी है तो इन आदेशों की आवश्यकता ही क्या थी ?
श्री सिन्हा ने पुलिस प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन की कड़ी व्यवस्था के चलते प्रदर्शनकारियों की भीड़ को हटाया गया है और इस प्रदर्शन को विफल किया गया । किंतु जिला प्रशासन द्वारा आंदोलनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर धारा 144 एवं 188 की कार्यवाही करनी चाहिए । देखा गया कि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए पालिका अध्यक्ष मुर्दाबाद के नारे तो लगाए जा रहे थे । वहीं प्रशासन में बैठी नगर पालिका की अधिकारी संध्या वर्मा के नाम पर भी मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे थे।

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