प्रांतीय वॉच

बिजली हाॅफः क्योंकि मेंटेनेंस का हवाला देकर दिन में बंद रखी जा रही सप्लाई, लेकिन रात में भी निकल रहा फाॅल्ट, बिना सूचना के अचानक कटौती से बढ़ा आक्रोश

तिलकराम मंडावी/डोंगरगढ़ : बारिश के पूर्व मेंटेनेंस का हवाला देकर बिजली कंपनी की जमकर मनमानी चल रही है। बिना सूचना के ही अचानक कटौती करनें से लोगों में कंपनी के खिलाफ आक्रोष पनप रहा है। चिलचिलाती धूप व बेचैन करनें वाली गर्मी में 24 घंटे बिजली की सप्लाई करनें में कंपनी विफल रही है। लोगों को 18 घंटे ही बिजली आपूर्ति हो पा रही है। जबकि 5-6 घंटे मेंटेनेंस व फाॅल्ट का हवाला देकर सप्लाई रोजाना बाधित हो रही है। हल्की बारिष व हवा चलतें ही आपूर्ति ठप्प हो जाती है। 25 मई से 8 जून के बीच षहरी क्षेत्र में मेंटेनेंस के नाम पर 20 बार आपूर्ति ठप्प हुई है, जिसकी सूचना बिजली कंपनी ने वाॅट्सएप ग्रुप पर ही अचानक दी है। जबकि पूर्व में मेंटेनेंस की सूचना सार्वजनिक रूप से दी जाती थी ताकि लोग आपूर्ति ठप्प रहनें से पूर्व अपनी दैनिक जरूरतों को पूरी कर सकें। परंतु साल भर से कंपनी के द्वारा बिना सूचना के ही आपूर्ति ठप्प रखी जा रही है। गर्मी में मेंटेनेंस के नाम पर दोपहर में बिजली बंद रखी जाती है। वहीं रात में भी फाॅल्ट आनें की बात कहकर घंटो बिजली बंद हो रही है। ऐसे में लोगों का आक्रोष बिजली कंपनी के खिलाफ पनप रहा है। लोगों का कहना है कि बिजली बिल हाॅफ न होकर बिजली ही हाॅफ हो गई है। 24 घंटे में महज 18-20 घंटे ही आपूर्ति मिल रही है। कंपनी की मनमानी के चलतें लोग आंदोलन करनें की रणनीति बना रहे है।

जानिए, कटौती से किस क्षेत्र में आ रही परेषानी
स्वास्थ्यः पिछलें 10 दिनों में हुई बिजली कटौती के रिकार्ड पर बात करें तो डोंगरगढ़ टाउन में ही 25 से अधिक बार बिजली अलग-अलग कारणों से बंद हुई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समेत अन्य निजी चिकित्सालयों में खासी परेषानी उठानी पड़ी है। मरीजों को गर्मी में पसीने से तर-बतर होना पड़ा है। घंटो बिजली बंद होनें से मरीजों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा है। खासकर बुजुर्गों व बच्चों को बिजली बंद होने से परेषानी उठाना पड़ रहा है। चिकित्सालयों में जनरेटर उपलब्ध नहीं है।

कृशिः षहरी क्षेत्र में दिनभर अलग-अलग समय में बिजली कटौती तो की ही जा रही है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी अघोशित कटौती हो रही है। इससे कृशि पंप भी नहीं चल पा रहे है। अधिकतर गांवों में तो लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है। अघोशित कटौती होनें से कृशि का कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। जबकि लोड बढ़ानें के लिए ट्रांसफार्मर लगानें का दावा कंपनी करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो रोजाना 8-10 घंटे बिजली बंद रहना आम बात हो चुकी है।

व्यवसायः कोरोना की दूसरी लहर के बीच व्यवसाय को सुबह 6 से षाम 6 बजें के बीच खुलनें की ही अनुमति है। ऐसे में सीमित समय पर ही व्यवसाय करना व्यापारियों की मजबूरी है। दुकान खुलतें ही बिजली बंद हो जाती है। ऐसे में आॅनलाइन सेंटर, आटा चक्की, इलेक्ट्राॅनिक षाॅप समेत अन्य व्यापारी भी गर्मी में व्यापार नहीं कर पा रहे है। बिजली कटौती से व्यवसाय पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। साथ ही गर्मी के चलतें लोग दोपहर में घरों पर आराम कर रहे है। किंतु बिजली कटौती से घर पर रहना भी दूभर हो गया है।

दफतर प्रभावितः वर्तमान में पारा 40 डिग्री के पार चल रहा है। गर्मी अपनें पूरे षबाब पर है। सरकारी दफतरों में जनरेटर की सुविधा नहीं है। ऐसे में बिजली बंद रहनें पर काम करना अफसरों व कर्मचारियों के लिए चुनौती है। कुछ ही बैंकों में जनरेटर की सुविधा है। लेकिन लंबे समय तक बिजली बंद होनें की वजह से जनरेटर भी साथ नहीं दे पा रहे है। खासकर तहसील कार्यालय, जनपद पंचायत, न्यायालय समेत अन्य सरकारी दफतरों में दैनिक काम-काज पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। कंपनी के अफसर रोजाना मेंटेनेंस के नाम पर आपूर्ति ठप्प रख रहे है।

मेंटेनेंस के चलतें बंद करना पड़ रहा- सोनीः डोंगरगढ़ टाउन जेई दिलीप सोनी ने बताया कि कोरोनाकाल के चलतें मेंटेनेंस नहीं हो पाया था। बारिष के पूर्व अलग-अलग क्षेत्रों में मेंटेनेंस कार्य किया जा रहा है। इसके बाद भी तकनीकी कारणों से फाॅल्ट आनें पर बिजली बंद हो जाता है।

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