प्रांतीय वॉच

प्रदेश के सभी व्यापारियों का भारत बंद को अभूतपूर्व समर्थन, एकजुट होकर कर रहे जीएसटी के नए प्रावधानों का विरोध

  • जीएसटी के नए और कड़े प्रावधानों के विरोध में कैट ने बुलाया भारत बंद
  • एक दिन व्यापार बंद कर केंद्र सरकार को व्यापारी एकता का परिचय देने कैट ने किया आव्हान

तापस सन्याल/ भिलाई नगर। केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी के अंतर्गत नए प्रावधान किये गये हैं, जिससे यह अब और भी जटिल हो गया है। जिसके चलते व्यापारियों को अब और ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार द्वारा ई वे बिल सहित छोटे व्यापारियों के लिए ई इनवाइस जैसे प्रावधान किये गये हैं, जो व्यापारियों के लिए सर का दर्द बन गया है। इसके विरोध में कैट द्वारा भारत बंद का आव्हान किया गया है। जिसे पूरे देश के व्यापारियों का पूरा समर्थन मिल रहा है। इस संबंध में जय व्यापार पैनल से प्रदेश महामंत्री पद प्रत्याशी अजय भसीन ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल के बाद से व्यापार जगत कई दिक्कतों का सामना कर रहा है, इस मुश्किल हालात में केंद्र सरकार द्वारा एक बार फिर व्यापारियों के उपर जीएसटी के नए प्रावधानों का बोझ लाद दिया गया।

श्री भसीन ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी में जो नए प्रावधान किये गये हैं उसके तहत अब किसी भी ट्रांसपोर्टर को ई वे बिल के तहत रोजाना 200 किमी ट्रांसपोर्टेशन करना अनिवार्य हो गया है यदि किसी कारणवश वह ऐसा नहीं कर पाया तो उसका ई वे बिल निरस्त हो जाएगा साथ ही उस पर कर का 200 प्रतिशत पेनाल्टी भी लगाई जाएगी। इतना ही नहीं सरकार ने छोटे व्यवसायियों के लिए बी टू बी के लिए ई इनवायस अनिवार्य कर दिया है। यदि इसमें किसी भी प्रकार की छोटी सी चूक होती है तो विभाग द्वारा बिना किसी नोटिस व्यापारी का जीएसटी नंबर तक कैंसल कर दिया जाएगा। यह किसी भी प्रकार से जायज नहीं है। श्री भसीन ने कहा कि केंद्र सरकार ईमानदारी से जीएसटी चुकाने वाले व्यापारियों को भी चोर की नजर से देख रही है जो कि पूरी तरह गलत है। सरकार द्वारा जबर्दस्ती ऐसे प्रावधान किये जा रहे हैं जिससे व्यापारियों पर अनावश्यक बोझ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कुछ लोगों की गलतियों की सजा बाकी सभी लोगों पर थोप रही है जो कि बिल्कुल गलत है और इसका हम सभी पुरजोर विरोध करते हैं।  श्री भसीन ने कहा कि इस मुश्किल हालात में भी यदि हम सभी व्यापारी साथी एक होकर इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा पाए तो सरकार इसी तरह दबावपूर्वक हम पर बोझ बनाती रहेगी। यह समय हम सभी के संगठित होकर इसका विरोध कर सरकार को हमारी एकता की ताकत दिखाने का है।

इन बिंदुओं से समझिए क्यों जरूरी है भारत बंद –

1. सेक्शन 83
आयकर की धारा 281B और CGST की धारा 83 (1) में कहा गया है कि फर्जी बिल, गैर-मौजूद विक्रेता, सर्कुलर ट्रेडिंग आदि के कारण कर चोरी के मामलों में, कर अधिकारी को अब बैंक खाते तथा संपत्ति को जब्त करने का अधिकार होगा !  इसके अलावा कर अधिकारी अस्थायी रूप से कंपनी निदेशकों, भागीदारों, कंपनी सचिव, कर्मचारियों, प्रबंधकों, सीए, सीएस, अकाउंटेंट, चार्टर्ड अकाउंटेंट, टैक्स कंसलटेंट, टैक्स एडवोकेट या किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति और बैंक खातों को भी जब्त  कर सकता है जिनकी सहभागिता से कोई  फ़र्ज़ी लेनदेन किया गया हो।

2. रिटर्न्स  में मिस-मैच टैक्स वसूला जाना/ जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर कैंसल किया जाना-सेक्शन 75
3. इनपुट क्रेडिट तभी मिलेगा जब जीएसटीआर-२ ए में दिखाया गया हो- सेक्शन 16
4. छोटी से गलती की बड़ी सजा

◆ यदि किसी व्यक्ति का माल विभाग द्वारा जब्त किया जाता है और यदि वो टैक्सेबल माल हैं तो अब 100 प्रतिशत के स्थान पर 200 प्रतिशत जुर्माना देना होगा और माल जब तक नहीं मिलेगा जब तक इस प्रकार के मामले का निर्णय व्यापारी/ट्रांसपोटर के पक्ष में नहीं आता।

◆ अगर आप 2 महीने का जीएसटीआर-3 बी फाइल नहीं करते हैं तो आप ई वे बिल नहीं जनरेट कर पाएंगे।

◆ ई वे बिल की वैलिडिटी प्रतिदिन 200 किलोमीटर कर दी गई है जो की संभव नहीं है।

◆ ई वे बिल में अगर कुछ भी गलती हो तो टैक्स के अमाउंट का 200%  पेनाल्टी लगाई जाएगी और यह अमाउंट आपको आपके इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर से भुगतान करना पड़ेगा और अगर आप यह अमाउंट नहीं भर पाते हैं तो आपका माल जब्त कर लिया जाएगा। अगर आपको इस जब्ती के खिलाफ अपील करनी है  तो 25 पर्सेंट पेनल्टी भर कर अपील कर सकते हैं पर जब तक अपील पर आपके हक़ में फैसला नहीं आ जाता तब तक माल जब्त रहेगा।

◆ अगर आप जीएसटीआर-3 बी दो महीने का फाइल नहीं करते हैं तो आप जीएसटीआर -1 फाइल नहीं कर पाएंगे और अगर जीएसटीआर -1 फाइल नहीं कर पाएंगे तो आपको इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगा।

◆ अगर आप किसी भी कारण से रिटर्न फ़ाइल नहीं कर पाते हैं तो डिपार्टमेंट सेक्शन 73 के अंदर आप को नोटिस दे सकता है उसमें आपके इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में जो क्रेडिट पड़ा है उसका क्रेडिट आपको नहीं मिलेगा बल्कि पूरी देय राशि पर आपको ब्याज देना होगा।

◆ 100 करोड़ से ऊपर टर्नओवर वालों को ई -इनवॉइस  मैंडेटरी हो गया है अगर वह इनवॉइस नहीं इशू करते तो आपको उसका क्रेडिट नहीं मिलेगा।

◆ अगर आप e invoicing की कैटेगरी में आते हैं तो आप को इनवॉइस इश्यू करने के 72  घंटे के अंदर e way bill generate करना होगा नहीं तो आपकी वो इनवॉइस को कैंसल कर दूसरी इनवॉइस बनानी पड़ेगी।

◆ यदि आपने गलती से कोई गलत इनपुट क्रेडिट ले लिया है तो आपका बैंक खाता सीज हो जाएगा।

◆ यदि किसी गलती से आपने अधिक इनपुट क्रेडिट ले  लिया है तो आपके लिए पोर्टल लॉक हो जाएगा।

◆ अधिकारी अपने खुद के विवेक के आधार पर किसी का भी सर्वे या ऑडिट कर सकते हैं।

◆ एक ही प्रोडक्ट का क्लासिफिकेशन अलग-अलग राज्य में एडवांस रूलिंग के तहत अलग-अलग किया जा रहा है इसके लिए नेशनल एडवांस रूलिंग अथॉरिटी अभी तक गठन नहीं की गई है जिसकी वजह से बहुत परेशानी हो रही है।

◆ 4 साल हो गए हैं पर अभी तक अपीलेट ट्रिब्यूनल गठित नहीं हुआ है  जिसकी  वजह से हर छोटे केस के लिए व्यापारी को हाई कोर्ट जाना पड़ रहा है।

◆ अगर आपकी रिटर्न लेट भरी गई जो और बेशक निल रिटर्न हो तो भी लेट फी लगाई जायेगी । टैक्स से ज़्यादा लेट फ़ी लगाई जाती है।

◆ जब तक जीएसटीआर – 3 बी ना भरा जाए तब तक ब्याज लगता रहता है चाहे क्रेडिट और कैश लेजर में बैलेंस हो तो भी।

◆ जीएसटी कॉउन्सिल अपने नियमों में अब तक चार साल में 950 के करीब संशोधन कर चुकी है लेकिन बेहद अफ़सोस है की व्यापारियों को अपनी रिटर्न में संशोधन एक बार भी करने का अधिकार नहीं है। क्या किसी व्यापारी से कोई गलती नहीं हो सकती है ?

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