यामिनी चंद्राकर/ छुरा : गरियाबंद जिला के वि.ख.छुरा अन्तर्गत ग्राम मड़ेली में संपुर्ण धोबी जाति के आराध्य एवं स्वच्छता के जनक संत शिरोमणि गाडगे महाराज जी की जयंती पर्व इस वर्ष माघ शुक्ल एकादशी दिन मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। संत गाडगे बाबा का पूरा नाम देवीदास डेबूजी झिगराजी जाड़ोकर था।घर में उनके माता-पिता उन्हें प्यार से “डेबू जी” कहते थे। महाराष्ट्र में मटके के टुकड़े को गाडगा कहते हैं। इसी कारण कुछ लोग गाडगे महाराज तो कुछ लोग गाडगे बाबा कहने लगे और बाद में वे संत गाडगे के नाम से प्रसिद्ध हो गये। गाडगे बाबा का जन्म 23फरवरी 1876 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के शेणगांव अंजनगांव में एक गरीब धोबी परिवार में हुआ था।
इस पावन दिवस पर देश के अनेक नगरों और गांवों में संत गाडगे बाबा की विशेष पूजा-अर्चना,सभा-उत्सव का आयोजन किया गया। समाज के लाखों धर्म परायण जन-महिलाएं इस दिन व्रत-उपवास कर संत गाडगे बाबा के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की।
अनेक जगहों पर इस दिन मनोकामना ज्योति स्थापित कर श्रध्दालु जन संत गाडगे बाबा से अपनी मनोकामना पूर्ण करने का वरदान मांगते-प्राप्त करते हैं।
इसी क्रम में अनेक जगहों पर इस पुण्य पावन दिवस पर आदर्श सामूहिक विवाह समारोहों का भी आयोजन किया जाता है इस दिवस को रामनवमी और अक्षय तृतीया की तरह ही देव लग्न दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आप भी इस दिन अपने घरों में संत शिरोमणि गाडगे बाबा की पूजा-अर्चना करें, विशेष दीप जलावें। यदि आप शासकीय कर्मचारी हैं तो इस दिन शासन द्वारा प्राप्त ऐच्छिक अवकाश लेकर अपने नगर में गांव में आयोजित समारोह में भाग लेकर अपने समाज प्रेम और संगठन का परिचय दें।
जिसमें दयाराम निर्मलकर, ईश्वर निर्मलकर,माधव निर्मलकर, भागीरथी निर्मलकर, तेजराम निर्मलकर,टोमलराम, रामविशाल,चमरुराम,बिसहत, काशीराम, मोहनलाल,तेजेन्द्र, हेमराज, यादराम, राधेश्याम गिरिराज,केशव,चेतन,शीतल,अमन, मातृशक्ति- सुमिंत्राबाई, रामप्यारी, पुष्पा, संतोषी,सकुंनतला,गीता, पल्लवी, ख़ेमा, खिलेश्वरी, राजेश्वरी,वेणु, प्रियंका, चमेली बाई,कुन्ती, कुमकुम,लवन्या सहित बडी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।