राजशेखर नायर/ नगरी। नगरी विकासखंड में रेत तस्करी का अवैध कारोबार बेखौफ जारी है । कार्रवाई ना होने से तस्करों के हौसले बुलंद है ।प्रतिदिन बडी संख्या में ट्रैक्टरों व हाईवा से रेत परिवहन का अवैध कारोबार किया जा रहा है। अफसरों से सांठगांठ कर रेत माफिया खुलेआम कारोबार कर रहे हैं। तस्करी में लगे वाहनों को कई बार पकड़ा जाता है पर कार्रवाई क्या होती है इसकी जानकारी अब तक नहीं मिल पाई। नियमानुसार शासन की खनिज संपदा के तस्करी में लगे वाहनों को राजसात किया जाना चाहिये पर ऐसा होता नही है । ग्राम पंचायत छिपलीपारा, सिहावा, भीतररास, रतावा,भुरसीडोंगरी, भोथली, जबर्रा, मुनईकेरा अभ्यारण्य क्षेत्रों में शासन की नाक के नीचे प्रतिदिन सैकड़ों ट्रिप रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि रेत तसकरी का अवैध कारोबार काफी दिनों से चल रहा है। अल सुबहा बडी तादाद में ट्रैक्टरों व हाईवा के माध्यम से रेत सप्लाई किया जा रहा है। इस ऐवज रेत माफिया मनमाना दाम भी वसूल रहे हैं। एक जानकरी के अनुसार धमतरी जिले में शासन की ओर से 34 रेत खदानें स्वीकृत है। जिनमें से नगरी के भुरसीडोंगरी, डोमपदर, भीतररास, खदानों को पर्यावरण मंडल से एन ओ सी नही दी गई है। इनके बावजूद भी रेत तस्करी का कारोबार बेखौफ चल रहा है ।इससे रेत माफिया और विभागीय अधिकारियों के बीच सांठगांठ से इनकार नहीं किया जा सकता। 4 से 5 हजार. रुपए प्रति ट्रॉली बेची जा रही है रेत माफिया प्रति ट्रॉली 4 से 5 हजार ₹ में रेत बेच रहे हैं । अधिकांश ट्रैक्टर व ट्रॉली में नंबर भी नहीं होते । पुलिस , यातायत विभाग ऐसे ट्रैक्टर और ट्रॉली पर कार्रवाई भी नहीं करती, वे बेखैफ ,तेज रफ्तार से सड़कों में दौड़ रहे हैं, जिसकी वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है।
आखिर पर्यावरण मंडल क्यों नही दे रहा एन ओ सी
क्षेत्र के लोग शासन के रवैया से नाराज हैं । लोगों का कहना है कि नगरी विकासखंड में एक भी रेत खदान का खदान की स्वीकृति आखिर अब तक क्यों नहीं दी गई। लोगों ने क्षेत्र के कांग्रेस विधायक, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी पर क्षेत्रवासियों की रेत की जरूरतों को अनदेखी करने का आरोप लगाया।