संतोष ठाकुर / तखतपुर। श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ में पांचवें दिन शनिवार की कथा कहते हैं वृंदावन से पधारे व्यास श्री अरुण कृष्ण शास्त्री ने भगवान की मधुर बाल लीलाओं का वर्णन किया। भगवान ने सुंदर माखन चोरी कर लीला की। यह माखन चोरी लीला क्या है। भक्तों के सुमधुर, कोमल मन को मन के पवित्र भाव को ठाकुर जी ने स्वीकार किया। यही माखन चोरी लीला आगे कथा कहते हुए उखल बंधन की कथा कहते हुए बताया।कि जिन प्रभु की माया में समस्त जगत बंधा हुआ है। वह प्रभु भक्तों के अधीनस्थ हो करके प्रेम में बंध जाते हैं। भगवान को बांधने वाली वह प्रेम रस्सी। मां यशोदा के पास भगवान ने सुंदर गोचरण लीला की।भगवान भी, मां भगवती, गाय माता का अनुगमन करते। गावो विश्वश मात्रा यह संदेश पूज्य महाराज जी ने इस लीला से दिया ।कथा के अंत में भगवान ने इंद्र के मान को मर्दन करते हुए गोवर्धन लीला की असंभव को संभव यदि कोई कर सकता है। तो वह हमारे श्री ठाकुर जी बांके बिहारी लाल ही कर सकते हैं।
श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ के पाँचवे दिन श्रीकृष्ण की बाल-लीलाओ का वर्णन किया
