टीकम निषाद/ देवभोग: लगातार शिकवा शिकायत के बाद भी झोलाछाप डॉक्टरों के हाई डोज से इलाज का सिलसिला अब भी धड़ल्ले से चल रहा है। जिसे लेकर डिग्रीधारी डॉक्टर भी मरीजों की स्थिति को देख चिंता जाहिर कर रहे हैं । क्योंकि इन झोलाछाप डॉक्टरों की इलाज से किडनी फैलियर हार्ड फैलियर अल्सर पेट पर ब्लडिंग होने के साथ ब्लड सरकुलेशन में भी काफी बुरा असर पढ़ रहा है। शायद यही वजह है कि लोग समय से पहले मौत की आगोश में जा रहे हैं ।बावजूद इसके जानलेवा झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम नहीं लगाया जा रहा है। मतलब चंद पैसे कमाने की लालसा में आए दिन सैकड़ों मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है। बिना मलेरिया की पुष्टि के भी हाई डोज एंटी मलेरिया एवं सामान्य बुखार में 1000 एमजी पावर का पेरासिटामोल दवाई इंजेक्शन तक दिया जाता है। इसके अलावा अलग-अलग कंपनियां की दवाई को भी मरीजों पर एक्सपेरिमेंट किए जाने के बाद सामने आ रही है। जबकि उक्त कंपनी की दवाई को सरकार ने मान्य किया है या नहीं इसकी भी जानकारी नहीं होती। फिर भी अपनी कमाई के लिए लोगों की शरीर के साथ खिलवाड़ करने से पीछे नहीं है। जिससे बीएमओ सीएचएमओ अच्छी तरह अवगत है। की झोलाछाप डॉक्टरों का इलाज का असर आम मरीजों पर किस हद तक पड़ता है । बावजूद इसके अधिकारी कार्यवाही की जहमत नहीं उठा रहे हैं । जिसका फायदा भी बिना डिग्री वाले डॉक्टर खूब उठा रहे हैं। कुछ साल पहले की बात करें तो गिनती के क्लीनिक के साथ झोलाछाप डॉक्टर इलाज करते देखे जाते रहे मगर अब मुख्यालय से लेकर हर दूसरे गांव पर आसानी से झोलाछाप डॉक्टर जानलेवा इलाज कर रहे हैं । जिसका खामियाजा धीरे-धीरे मरीजों में देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि लंबे समय से इन झोलाछाप डॉक्टराे पर लगाम लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग हो रही है।
अनुपम आशीष टोप्पो एसडीएम -: हमने झोलाछाप डॉक्टरों की सूची मंगाया है जल्द ही उनके खिलाफ कार्यवाही किया जाएगा