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डबरी बने जमीन (खेत) का धान विक्रय हेतु कराया गया पंजीयन

  • डबरी निर्माण वर्ष से अब तक लगातार बोया जा रहा धान
पुरूषोत्तम कैवर्त/कसडोल। शासन प्रशासन फर्जीवाड़ा रोकने चाहे कितने कोशिश कर ले, पर ये है कि रुकता ही नहीं है। फर्जीवाड़ा करने वालों को जरा भी कानून का भय नहीं है। इसीलिए वे बेखौफ नए नए फर्जीवाड़े को अंजाम देते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला बलौदाबाजार भाटापारा जिला के जनपद पंचायत कसडोल के अन्तर्गत ग्राम पंचायत भदरा से सामने आया है, जिसमे डबरी निर्मित खेत का पंजीयन धान बेचने हेतु कराया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं उक्त खेत में डबरी निर्माण वर्ष से ही लगातार धान बोया जा रहा है। जबकि शासकीय राशि से मनरेगा योजना के तहत डबरी निर्माण किया गया है। ग्राम पंचायत भदरा के सरपंच संतराम वर्मा ने तहसीलदार कसडोल के कार्यालय में लिखित आवेदन कर शिकायत की है कि ग्राम भदरा निवासी श्रीमती सुलोचनी बाई कश्यप बेवा स्व. रेशमलाल कश्यप ने वर्ष 2020-21 में धान विक्रय करने हेतु प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति छेछर पंजीयन क्र.1255 में खसरा नं.1108 रकबा 1.335 भूमि का पंजीयन कराया गया है, जबकि उक्त खसरा रकबा नं. की भूमि में पिछली भाजपा सरकार के समय डबरी निर्माण कार्य हेतु छत्तीसगढ़ शासन से राशि स्वीकृत हुआ था और डबरी बनाया भी गया था, जो नाम मात्र का डबरी बना था। तभी तो डबरी निर्माण वर्ष से ही उस खेत पर लगातार हर साल धान बोया जा रहा है। धान बेचने हेतु उस खेत का पंजीयन बीते वर्षों में भी कराया जाता रहा है या सिर्फ सत्र 2020-21 हेतु कराया गया है, यह तो जांच से ही पता चलेगा। ऐसे लोगों पर जांच कर कड़ी कार्रवाई किए जाने की जरूरत है जो शासन प्रशासन को जानबूझकर चुना लगाने का काम करते हैं। फिलहाल हाल शिकायत पर तहसीलदार कसडोल द्वारा समिति प्रबंधक को उक्त पंजीयन पर धान खरीदी पर रोक लगाते हुए लिखा गया है कि संबंधित खसरे पर निर्माण कार्य किया जा चुका है। अत: धान क्रय न किया जावे।
इस संबंध में संबंधित व्यक्ति से मो. नं. 7697205139 पर सुलोचनी बाई का पुत्र रामफल कश्यप ने ने कहा कि तहसीलदार के पास जो शिकायत किया है आप उनका बयान ले लीजिए मुझे कुछ कहना नहीं है।
कसडोल तहसीलदार इंदिरा मिश्रा से फोन पर बात कर कार्रवाई की जानकारी लेने मो. नं.7000161300 पर संपर्क की गई किन्तु फोन नहीं उठाने से बात नहीं हो सकी।

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