नरसिंग मण्डावी/नारायणपुर /द्वारा कोरोना महामारी मे ऑनलाइन क्लासेस ली जा रही है। जिसका पूर्ण रूप से छात्र छात्राओं को लाभ मिल रहा है। अधिष्ठाता डॉ. रत्ना नशीने ने बताया कि व्दितीय वर्ष एवं ततीय वर्ष शस्य विज्ञान के खरीफ उत्पादन तथा पूर्णतः प्रायोगिक फसल उत्पादन के विषयों पर छात्र एवं छात्राएॅ अपने घर के खेतों से ही ऑनलाइन जुड़कर तकनीकी मार्गदर्शन ले रहें है। इसमें छात्र एवं छात्राएॅ किट-व्याधि, समस्याएॅ, फसल में अन्य प्रकार की समस्याओं का ऑनलाइन हल प्राप्त कर रहें हैं। इस वाटसप ग्रुप में अध्यापक श्री वत्सल श्रीवास्तव (शस्य विज्ञान ) कृषि विज्ञान केन्द्र, जांजगीर चापा के डॉ. रंजीत मोदी, किट वैज्ञानिक, डॉ. उमेश दास, किट वैज्ञानिक कृषि महाविद्यालय नारायणपुर, अधिष्ठाता डॉ. रत्ना नशीने जुड़े हुए हैं। प्रत्येक शनिवार को छात्र एवं छात्राएॅ अपने खेतों से विडियों काल पर जुड़ते हैं तथा फसलों में होने वाले रोग, किट-व्याधि और फसल स्थिति की जानकारी देते हैं। श्री रंजीत मोदी, वत्सल श्रीवास्तव पूर्ण जानकारी ले तथा छात्र-छात्रओं को परामर्श देते हैं। कृषि महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं में उत्साह है कि करोनाकाल के समय भी उनको बराबर सलाह मिल रही है। प्रायोगिक रूप से किये जा रहे कार्यो की फोटो और विडियों तथा आसाइनमेंट गूगल क्लासेस मे अपलोड कर रहे है।
महाविद्यालय छात्र दुःखनाशन का कहना है कि कोरोना महामारी संकट के समय मे भी हमे आनलाइन क्लासेस में पी.पी.टी के माध्यम पूर्ण जानकारी, प्रश्न कोई रहता है तो उसका हल मिल रहा है तथा जिस तरह से ब्लैक बोर्ड का उपयोग होता है उसी तरह से हमारे महाविद्यालय के पावर पाइंट के माध्यम से दे रहे हैं। प्रायोगिक कक्षाएॅ सीधे खेतों से होने के कारण हमे प्रत्यक्ष रूप मे किट-व्याधि कि जानकारी तुरन्त प्राप्त हो जाती है। तृतीय वर्ष के भूपेन्द्र साहू का कहना है कि सीधे खेतों से किट-व्याधि कि जानकारी हमारे लिये बहुत लाभकारी सिद्ध हो रही है क्योकिं हम किट-व्याधि के लक्षण को तुरन्त जान पा रहे हैं तथा उसके उपचारों की जानकारी हो जा रहीं है। दोनों वर्ष के छात्र छात्राओं मे हर्ष व्याप्त है। अधिश्ठाता डॉ. रत्ना नशीने के द्वारा डॉ. रंजीत मोदी को छात्र छात्राओं को मार्ग दर्शन देने के लिए उनका कोटि-कोटि धन्यवाद दिया है।