(लखनपुर ब्यूरो )जानिसार अख्तर | विकासखंड अंतर्गत ग्राम बेलखरिखा में स्थित बुढा देव धाम परिसर में बीते शनिवार को पारंपरिक कर्मा त्यौहार सामूहिक रूप से मनाया गया इस दौरान महिला पुरुषों ने उपवास रख पूजा स्थल में बाकायदे टोकरीयों में समृद्धि के प्रतीक के तौर पर जगाय गए जाई , पूजा सामग्री लेकर उपस्थित हुए करम डाल अर्थात करमी पेड़ की डगाल गाड़ कर प्रकृति पूजा के अलावा भाइयों के दीर्घायु अच्छी फसल उत्पादन होने की कामना से करम देव के पूजा किए आदिकाल से भादो मास के शुक्ल एकादशी को करमा तिहार मनाए जाने की परिपाटी रही है करमा तिहार मनाने तैयारी 1 सप्ताह पूर्व किया जाता है इस त्यौहार में जाई जगाने की परंपरा रही है एक सप्ताह के भीतर जगाय गए जाई लहलहाने लगता है इसका शुभ संकेत माना जाता है यह जाई मक्का गेहूं जौ के बीजों से छोटी टोकरीयों में बोकर तैयार किया जाता है कर्म डाल के नीचे रखकर तथा ग्रामवासी एकत्रित होकर करम देव अर्थात परिश्रम मेहनत के देवता स्वरूप करमी पेड़ के डगाल को एक निश्चित स्थान पर स्थापित कर पूजा करते हैं ग्राम बेलखरिखा में इसी पद्धति से महिलाओं ने पूजा अनुष्ठान किए तथा ग्राम बेगा से करम देव की कहानी सुनी इसके पश्चात महिलाओं ने अपने उपवास तोड़ते हुए प्रसाद ग्रहण कर करमा एकादशी व्रत का पारण किया। कोविड-19 नियम का पालन करते हुए रिवाज के मुताबिक मादर के थापो पर थिरकते हुए सांकेतिक करमा नृत्य भी किये आयोजित करमा तिहार कार्यक्रम में भानु प्रताप सिंह मरकाम संभागीय अध्यक्ष आदिवासी विकास परिषद सरगुजा मनीराम आयाम प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अनूक सिंह टेकाम गोंड विकास समिति सरगुजा सचिव कार्यक्रम आयोजक देव कुमार श्याम सुभाष मरकाम ए एस शांडिल्य आदि उपस्थित रहे ।इस मौके पर भानु प्रताप सिंह मरकाम द्वारा गोंड आदिवासी समाज के महिला पुरुष एवं युवाओं को मास्क वितरण किया गया कोरोना काल के नियम काअच्छी तरह से पालन करने समझाइस दी गई।
ग्राम बेलखरिखा बुढ़ा देव धाम परिसर में की गई करमा पूजा
