प्रांतीय वॉच

महँगाई से कराह रहा कर्मचारी,छाती पीटने को हो रहा मजबूर, 5% DA का निर्णय स्वागतेय नही

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नगरी(दीपेश):-मुखिया के सम्मान व मांग के बाद भी कर्मचारी जगत को नाममात्र का DA देकर किया गया निराश

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय आईटी सेल प्रभारी कैलाश सोन ने महँगाई भत्ते की घोषणा पर नाराजगी जताते हुए कहा कि 5% महँगाई भत्ता देना सम्पूर्ण कर्मचारी जगत को अनदेखा कर महँगाई की मार झेलने को मजबूर करना है।प्रदेश की सरकार लगातार महँगाई को लेकर केंद्र सरकार के समक्ष अपना प्रदर्शन कर रही है, चाहे वह बढ़ते पेट्रोल के दाम हो या रसोई गैस की कीमतें, लेकिन जब स्वयं के प्रदेश के कर्मचारियों की बात आती है तो प्रदेश सरकार के मुखिया मुंह फेर लेते हैं।ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में लगभग ढाई साल से महँगाई भत्ता लंबित है जो आज बढ़कर 17% हो गई है। जिसे लेकर प्रदेश के सभी वर्ग के कर्मचारी लगातार शासन के समक्ष ज्ञापन, प्रदर्शन के माध्यम से मांग रखते आ रहे हैं, तमाम तरीके अपनाने के बाद भी सरकार अपनी डफली अपना राग का सुर जमाये माँगों को अनसुना करते चल रही है। ब्लॉक अध्यक्ष शैलेंद्र कौशल,सचिव टीकमचंद सिन्हा,कोषाध्यक्ष तोमल साहू,जिला उपाध्यक्ष तीरथराज अटल ने कहा कि गत दिनों छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा पर कर्मचारी जगत ने प्रदेश के मुखिया सहित सभी मंत्रियों, विधायकों का जोर शोर से सम्मान कर खुशी का इजहार किया था, उक्त सम्मेलन के जरिये भी वर्षों से लंबित महँगाई भत्ते की जानकारी माननीय मुख्यमंत्री महोदय तक पहुंचाई गई थी, जिस पर मुख्यमंत्री जी ने सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेने की बात कही थी, मुख्यमंत्री के कर्मचारी हितैषी निर्णय पर लगातार स्वागत किया गया, किन्तु 5% DA का निर्णय तो स्वागतेय नही है। प्रदेश में पदस्थ केंद्रीय कर्मचारी व राज्य के नौकरशाह तथा विद्युत विभाग के चुनिंदा कर्मचारी व अधिकारियों को 34% महंगाई भत्ता मिल रहा है, छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवको को अब तक मात्र 17% ही भत्ता देय है, वर्तमान 5% की घोषणा दरअसल महंगाई भत्ता की मांग को लंबे समय तक टालने की नौकरशाही साजिश है। कोरोना काल मे लगातार अपनी ड्यूटी बजाते हुए कर्मचारीगण सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महामारी को दूर करने में अपना बेहतर प्रदर्शन दिए, बावजूद कोरोना के बाद स्थिति सामान्य होने के बाद भी आर्थिक स्थिति की आड़ लेकर कर्मचारियों के महँगाई भत्ते जैसे सामान्य प्रक्रिया को रोककर जानबूझकर परेशान किया जा रहा है जबकि सरकार आये दिन अखबारों में प्रदेश की बेहतर आर्थिक स्थिति का डंका पीट रही है। केंद्र में भी कुछ समय के लिए महंगाई भत्ता रोका गया था किंतु आर्थिक स्थिति सुधरते ही पूर्ण भत्ता दे दिया गया। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने बताया कि जनवरी 2020 का DA 4% और जुलाई 2020 का DA 3% लंबित है। अब सरकार द्वारा 5% की घोषणा कर कर्मचारियों को आंकड़ों के मायाजाल में उलझाया जा रहा है क्योंकि 5% से केवल 1 किश्त पूरी होती है और अगली किश्त के भुगतान के लिए 3% चाहिए,, जबकि सरकार ने 5% देकर आंकड़ों को ही उलट फेरकर दिया, साथ ही माह मई 2022 से भुगतान की बात कहकर जनवरी और जुलाई माह की परिपाटी को भंग करने का काम किया जा रहा है। 5% मात्र की घोषणा से अब मीडिया में यह बात भी वायरल हो गई है कि अब तक लगातार वर्षों से आर्थिक नुकसान झेल रहे कर्मचारी अब वर्तमान माह के हजारों रुपयों का अतिरिक्त नुकसान भी झेलने को तैयार रहें, कर्मचारी संवर्ग के लिए महंगाई भत्ते जैसे स्वाभाविक प्रक्रिया को भारी जटिल व बड़ा विषय बना दिया गया है, इससे कर्मचारियों में बेहद रोष है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से लंबित 12% महँगाई भत्ते को तत्काल जारी करने की मांग करते हुए कहा है कि कर्मचारी परिवार को भी बढ़ती महंगाई से राहत देते हुए शेष 12% भत्ता तत्काल जारी किया जावे, छत्तीसगढ़ सरकार • द्वारा केंद्र के बराबर भत्ते देकर प्रदेश के कर्मचारियों का भी सम्मान किया जावे साथ ही गृह भाड़ा भत्ता जिसे छठवें वेतनमान की गणना के हिसाब से दिया जा रहा है उसे भी तत्काल सातवे वेतनमान के आधार पर गणना कर भुगतान किया जावे।

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