- मुख्यमंत्री ने किया ‘‘गांधी ग्राम’’ कुलगांव का भूमिपूजन
- हर्रा प्रसंस्करण केन्द्र ईच्छापुर का लोकार्पण
- वन संसाधन हक के पट्टो का भी वितरण
अक्कू रिजवी/ कांकेर : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से आज ’’गांधी ग्राम’’ कुलगांव का भूमिपूजन तथा हर्रा प्रसंस्करण केन्द्र ईच्छापुर का लोकार्पण और वन संसाधन हक के पट्टो का वितरण किया गया। वनोपज आधारित कौशल उन्नयन प्रशिक्षण केन्द्र ’’गांधी ग्राम’’ कुलगावं के भूमिभूजन होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत बड़ा काम हाथ में लिया गया है, इसे जमीन में उतारने की जरूरत है, इस प्रशिक्षण केन्द्र को मॉडल के रूप में विकसित किया जाय। युवाओं को यहॉ पर वनोपज का प्रशिक्षण देकर उनका कौशल उन्नयन करें और उन्हें आत्मनिर्भर बनाये।
कांकेर जिले के ग्रामीणों को वन संसाधन हक प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वनवासियों के जीवन स्तर में सुधार के लिए वन संसाधन हक प्रदान किये जा रहे हैं। वन संसाधन हक से प्राप्त भूमि में वनोपज के संग्रहण एवं उनके प्रसंस्करण तथा वनोपज आधारित गतिविधियों से उनकी आय बढ़ेगी जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा तथा जंगल भी बचेंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि वनों में उत्पादित होने वाले लघु वनोपज जैसे, हर्रा, बेहडा, कुसुम, आंवला, आम, ईमली, बांस सहित अन्य फलदार पौधों का रोपण किया जाय, जो आय का साधन बनेंगे, ऐसे पौधे लगाये जावे जिससे वर्षभर आमदनी प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि वृक्षों के नीचे तिखूर, हल्दी, जिमीकंद इत्यादि की खेती भी किया जाये, इससे वनवासियों की आमदनी बढ़ेगी, उनके जीवन स्तर में सुधार होगा तथा जंगल बचेंगे और पलायन भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जहॉ-जहॉ वन संसाधन हक प्रदान किये जा रहे है, वहॉ के ग्रामीणों की बैठक लेकर उन्हें वनोपज के संग्रहण, उनके प्रसंस्करण और वन संसाधन हक से होने वाले फायदो के साथ ही साथ शासकीय योजनाओं की जानकारी दी जाये। प्रत्येक गांव की योजना बनाकर वृक्षा रोपण किया जावे, लघु वनोपज का वेल्यूएडिशन करें, इंदिरा वन मितान समूह का गठन कर युवाओं को प्रशिक्षण दिया जावे ताकि उनका कौशल उन्नयन हो सके। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने विश्वास व्यक्त किया कि ’’गांधी ग्राम’’ कुलगांव प्रशिक्षण केन्द्र में न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि अन्य राज्यों के युवाओं को भी प्रशिक्षण से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वनमंत्री मो. अकबर ने कहा कि महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की कल्पना को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार निरंतर प्रयासरत है, ‘‘गांधी ग्राम’’ कुलगांव में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाकर उनका कौशल उन्नयन किया जायेगा, जिससे वे आत्म निर्भर बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पूरे देश में एक मात्र राज्य है जहॉ कोरोना काल में 74 प्रतिशल लघु वनोपज की खरीदी किया जाकर 124 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। लघु वनोपज की खरीदी महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से किया जा रहा है तथा 16 वनोपज से बढ़ाकर 31 लघुवनोपज कर दिया गया है। तेंदुपत्ता संग्राहकों को बीमा सुरक्षा प्रदान करने के लिए शहीद महेन्द्र कर्मा सामाजिक सुरक्षा सहायता योजना प्रांरभ किया गया है, जिससे प्रदेश के लगभग 13 लाख तेंदुपत्ता संग्राहको को लाभ मिलेगा। राज्य में आवर्ती चराई योजना भी शुरू किया गया है।
स्थानीय विधायक एवं संसदीय सचिव श्री शिशुपाल शोरी ने कहा कि आज का दिन एतिहासिक है, राष्ट्रपिता महात्मागांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर आज कांकेर जिले के ग्राम कुलगांव के ’’गांधी ग्राम’’ का मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा भूमिपूजन किया गया। यहॉ पर युवाओं को वनोपज एवं अन्य गतिविधियों से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाकर सशक्त किया जायेगा। यह प्रशिक्षण केन्द्र न केवल कांकेर जिले के बल्कि पूरे प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्हांने कहा कि यहॉ पर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों को उपयोग करते हुए लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा। कार्यक्रम में वन प्रबंधन समिति कुलगांव के अध्यक्ष राकेश पदमाकर ने ’’गांधी ग्राम’’ कुलगांव में होने वाले प्रशिक्षण एवं कौशल उन्नयन की गतिविधियों के संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन एवं वन मण्डल कांकेर द्वारा ग्राम कुलगांव में स्थापित किये जा रहे ‘‘गांधी ग्राम’’ में कौशल उन्नयन प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें प्रशिक्षण कक्ष, रसोई घर और डायनिंग व्यवस्था सहित 100 प्रशिक्षुओं के ठहरने की व्यवस्था होगी। इस प्रशिक्षण केन्द्र का संचालन वन प्रबंधन समिति कुलगांव के इन्दिरा वन मितान स्व-सहायता समूह द्वारा किया जाएगा। इस प्रशिक्षण केन्द्र में प्रमुख रूप से वनोपज प्रसंस्करण (लाख प्रसंस्करण, हर्रा प्रसंस्करण, इमली प्रसंस्करण), लाख उत्पादन, शहद उत्पादन के लिए आधुनिक विधि, औषधीय पौधां की खेती बांस आधारित उत्पाद निर्माण, गोबर से विभिन्न उत्पाद जैसेः-फ्यूल प्लेट, दीया, कार्ड, खाद, वर्मी कम्पोस्ट, जैविक खाद का निर्माण, नर्सरी कार्य, बाड़ी, माली, पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मछली पालन, कुक्कुट पालन, मशरूम उत्पादन एवं प्राकृतिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा यहां अन्य विषयों पर भी प्रशिक्षण दिए जाएंगे। ‘‘गांधी ग्राम’’ की स्थापना से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के साथ-साथ उनका कौशल उन्नयन होगा, जिससे लघु वनोपज आधारित कुटीर उद्योग एवं लघु ग्रामोद्योग को बढ़ावा मिलेगा। इससे क्षेत्र के युवाओं के रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य श्री नितिन पोटाई, नगर पालिका परिषद कांकेर के अध्यक्ष श्रीमती सरोज ठाकुर, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सुभद्रा सलाम, जिला पंचायत सदस्य श्री नरोत्तम पडोटी, जनपद सदस्य कांकेर राजेश भास्कर, नीरा साहू, ग्राम पंचायत कुलगांव के सरपंच श्री कमलेश पदमाकर, कलेक्टर श्री के.एल. चौहान, वनमण्डलाधिकारी कांकेर अरविंद पी.एम., जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. संजय कन्नौजे, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त एम.एस. ध्रुव, सहित वन संसाधन हक प्राप्त करने वाले विभिन्न ग्रामों के ग्रामीणजन मौजूद थे।