- शांति, समृद्धि एवं विकास के लिए अनुकूल वातावरण करें तैयार
- प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करने पर दिया जोर
बालकृष्ण मिश्रा/सुकमा : सुकमा जिले में शांति, समृद्धि और विकास के विस्तार में यहाँ के ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों का बहुत बड़ा योगदान है। क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए ग्राम सभा, ग्राम समितियों के माध्यम से सामाजिक न्याय व्यवस्था का सुचारु संचालन सुनिश्चित करें। बस्तर संभाग आयुक्त श्री जी.आर चुरेन्द्र ने छिन्दगढ़ में आयोजित बैठक में यह बाते कहीं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की समृद्धि और विकास में ग्रामीणों की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने सर्व समाज सामूहिक विवाह आयोजन समिति का गठन किए जाने पर चर्चा की इससे विवाह पर कम खर्च होने के साथ ही सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलेगा। हाट बाजारों को सुव्यवस्थित संचालन पर ध्यान दें, वाजिब दर पर सामान की खरीदी बिक्री सुनिश्चित हों, ऐसी व्यवस्था बनाएं। वहीं ग्रामीणों को मुर्गा लड़ाई में दांव नहीं लगाने के लिए प्रोत्साहित करें।
प्रशासनिक कार्यों को बेहतर करने पर दिया जोर
संभाग आयुक्त श्री चुरेन्द्र ने प्रशासनिक व्यवस्था को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से कहा कि एक सप्ताह के भीतर ग्रामीण सचिवालयोें को शुरु करें। जिसमें पटवारी, सचिव व जमीनी स्तर पर कार्यरत अधिकारी गण ग्रामीणों की समस्याओं का त्वरित निराकरण करें। हर कार्य का निरीक्षण प्रत्येक सप्ताह में दो बार करें तथा एक माह के भीतर कम से कम 6 पंचायतों का निरीक्षण करें। खाता बंटवारा, नामांतरण, डायवर्सन आदि समस्त प्रकरणों का निराकरण तय समयावधि में करें।
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए श्री चुरेन्द्र ने कहा कि गांवों की पढ़ी लिखी युवतियाँ व महिलाएं स्थानीय स्तर पर बच्चों को ट्युशन पढ़ा कर अपनी आजिविका बढ़ा सकती हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकतर महिलाओं में कुपोषण का मुख्य कारण व्यस्त दिनचर्या और अनियिमित खानपान होता है। घर के पुरुष जन महिलाओं को सहयोग करें। उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारी गणों से कहा कि बीपीएल परिवार की महिलाओं को सामूहिक बाड़ी योजना से जोड़े।