बिलासपुर। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में एसीबी की जांच में फंसे ग्राम नगर निवेश विभाग के अफसर की अग्रिम जमानत अर्जी को विशेष कोर्ट ने खारिज कर दिया है। आरोपित अफसर ने अपनी गिरफ्तारी के डर से अग्रिम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया था। बिलासपुर के नर्मदा नगर निवासी श्यामचंद पटेल पहले वन विभाग राजनांदगांव में वन परिक्षेत्राधिकारी के पद पर कार्यरत थे। फिर बाद में उन्हें ग्राम एवं नगर निवेश विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया। ग्राम तथा नगर निवेश विभाग में पदस्थापना के दौरान डायवर्सन सहित अन्य प्रकरणों की फाइल विभाग में लगातार पेंडिंग होती गई।
इसके पीछे प्रकरणों के निराकरण के लिए अवैध रूप से उगाही करने के आरोप लगने लगे। इसी बीच पीड़ित पक्षों ने मामले की शिकायत एंट्रीकरप्शन ब्यूरो से कर दी। शिकायतकर्ताओं ने ब्यूरो के अफसरों को बताया कि फाइलों के निराकरण के लिए अफसर द्वारा मोटी रकम की मांग की जा रही है। इन शिकायतों के आधार पर एसीबी ने आरोपित अफसर की बेनामी संपत्ति की जानकारी जुटाना शुरू कर दिया।
उनके चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज जुटाने के बाद एसीबी ने पहले उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया। आरोपित अफसर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1-बी), 13 (2) के तहत अपराध दर्ज कर उनके ठिकानों में छापेमारी भी की। जांच के दौरान उनके पास से बड़ी मात्रा में सोने-चांदी के जेवर, जमीन वगैरह के दस्तावेज भी मिले।
जांच के दौरान एसीबी ने आरोपित अफसर के खिलाफ जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर चालान पेश किया। इसमें बताया कि आरोपित अफसर ने एक करोड़ 20 लाख स्र्पये से अधिक की की राशि अर्जित की है। इसकी तुलना में एक करोड़ 32 लाख स्र्पये से अधिक व्यय किया है। जो उनकी आय की तुलना में 9.62 फीसद अधिक है।
इस मामले में चालान पेश करने के साथ ही आरोपित अफसर को अपनी गिरफ्तारी का भय सताने लगा। लिहाजा, उन्होंने एसीबी की विशेष अदालत में अग्रिम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया। इसमें आरोपित अफसर के वकील ने बचाव में तर्क पेश किए। इस दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपित अफसर की अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है।