(लखनपुर ब्यूरो जानिसार अख्तर) विकासखंड के ग्रामों में लोक पर्व कर्मा धूमधाम से मनाया गया क्षेत्र के ग्रामीणों के बताएं मुताबिक आदिवासियों का यह सबसे बड़ा और प्रमुख त्यौहार है लखनपुर विकासखंड आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने से कर्मा यहां का मुख्य त्योहार की तरह है भादो एकादशी के दिन उपवास रखकर कर्म देव की पूजा की जाती है कहा जाता है करमा नृत्य नई फसलों के आने की खुशी मनाई जाती है। आदिवासियों की मान्यता है कि कर्मी के वृक्ष डगाल आंगन में गाड़ कर पूजा करने का अर्थ यह है कि करम वृक्ष में देवता का वास होता है इसलिए इस वृक्ष के डगाल की पूजा होती है गांव की सभी महिलाएं सप्ताह पूर्व बांस के छोटे-छोटे टुकड़े में मक्का धान उड़द जैसे अनाज दलहन की जाई तैयार करते हैं कर्मा के दिन गांव के किसी एक घर में पहुंचते हैं जहां कर्म देव की पूजा होती है जो ज्वारा के साथ दिया जलाकर कन्या एवं महिलाएं एक साथ निकलती है जिससे पूरा माहौल भक्ति भाव हो जाता है इस डलिये को करम डार के नीचे रखा जाता है फिर उपवास रखने वाली महिलाएं पूजा के लिए बैठते है गांव का बैगा कथा सुनाकर पूजा कराता है ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक उपवास रखने वाले महिलाएं इस मौसम में होने वाले खीरा को पूजा के लिए ले जाते हैं जिससे पुत्र का प्रतीक माना जाता है इस कारण महिलाएं खीरा की पूजा करती हैं। और अपने पुत्र के सुख समृद्धि की कामना करती है पूजा के बाद गांव के सभी लोग गीत गाकर मंदार की ताप में नृत्य करते हैं।
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