गरियाबंद। नाबालिग को प्रेमजाल में फंसाकर अपने साथ भगाने और जबरदस्ती दुष्कर्म करने के अपराध में फास्ट ट्रेक विशेष न्यायालय (पॉक्सो एवं बलात्कार मामले) गरियाबंद ने आरोपी पोषराम ध्रुव (21 वर्ष) निवासी मुड़ागांव, थाना छुरा को 20 वर्ष का सश्रम कारावास और अर्थदंड की सज़ा सुनाई है। यह फैसला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवंत वासनीकर ने सुनाया।
शासन की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक हरि नारायण त्रिवेदी ने बताया कि पीड़िता के पिता ने 25 अगस्त 2024 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी 13 वर्ष 4 माह की नाबालिग पुत्री घर से अचानक गायब हो गई है। आसपास तलाश के बावजूद पता नहीं चलने पर फिंगेश्वर थाना में अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला-फुसलाकर ले जाने का मामला दर्ज किया गया।
विवेचना के दौरान पीड़िता की बरामदगी के बाद खुलासा हुआ कि आरोपी पोषराम ध्रुव ने उसे नाबालिग जानते हुए प्रेमजाल में फंसाया, अपने साथ भगा ले गया और अपने गांव के खेत में स्थित एक सुनसान मकान में रखकर कई बार जबरदस्ती दुष्कर्म किया।
थाना फिंगेश्वर द्वारा मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 137(2), 64(2)(ड), 65(1) एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 4 व 6 के तहत आरोपपत्र प्रस्तुत किया गया। अभियोजन पक्ष ने अपराध सिद्ध करने के लिए कुल 11 गवाहों के बयान दर्ज कराए।
अंतिम बहस में विशेष लोक अभियोजक ने न्यायालय से कहा कि नाबालिगों को बहला-फुसलाकर भगाने और उनके साथ दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए कठोर दंड आवश्यक है।
न्यायालय ने प्रकरण की गंभीरता, प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराते हुए निम्नानुसार सज़ा सुनाई—
•पॉक्सो एक्ट धारा 6 एवं 4(2): 20 वर्ष सश्रम कारावास + ₹2,000 अर्थदंड
•भारतीय न्याय संहिता धारा 137(2): 2 वर्ष सश्रम कारावास + ₹1,000 अर्थदंड
•भारतीय न्याय संहिता धारा 87: 2 वर्ष सश्रम कारावास + ₹1,000 अर्थदंड

