APAAR ID : छत्तीसगढ़ के बच्चों की पढ़ाई में अब बड़ा बदलाव होने जा रहा है। आने वाले शिक्षा सत्र 2026-27 से छात्रों को हर कक्षा में नया पंजीयन करवाने के झंझट से छुटकारा मिलने वाला है। अब नर्सरी में दाखिला लेते ही “APAAR ID” जारी कर दिया जाएगा, जो पूरी पढ़ाई के दौरान छात्रों की पहचान बनेगा।
अब तक अलग-अलग कक्षा और कॉलेज में दाखिले के लिए 2 पंजीयन नंबर जारी किए जाते थे। 9वीं कक्षा में स्कूल का और फिर कॉलेज में दाखिले पर नया पंजीयन नंबर जारी किया जाता था। अलग-अलग शुल्क देना पड़ता था और पंजीयन नंबर याद रखना भी कई छात्रों के लिए सिरदर्द बन जाता था। नई व्यवस्था से यह परेशानी खत्म हो जाएगी।
छत्तीसगढ़ में APAAR ID सिस्टम होगा लागू
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। अब नर्सरी में दाखिला लेते ही बच्चों को ऑटोमेटेड परमानेंट अकादमिक अकाउंट रजिस्ट्रेशन (APAAR) नंबर जारी कर दिया जाएगा। इसी नंबर पर स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक के सभी रिकॉर्ड दर्ज किए जाएंगे।
राज्य सरकार का मानना है कि इस सिस्टम से ग्रास इनरोलमेंट रेशियो (GER) की सही जानकारी मिलेगी। कितने विद्यार्थी लगातार पढ़ाई कर रहे हैं और कितने बीच में छोड़ रहे हैं, इसकी सटीक जानकारी मिल सकेगी।
फिलहाल राज्य के कई विश्वविद्यालयों में करीब 50 हजार सीटें खाली पड़ी हैं। इनमें रायपुर का पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, दुर्ग का हेमचंद यादव विवि, बिलासपुर का अटल विवि, अंबिकापुर का संत गुर गहिरा विवि, जगदलपुर का शहीद महेंद्र कर्मा विवि और रायगढ़ का शहीद नंद कुमार पटेल विवि शामिल हैं। ऐसी सीटों पर जरूरतमंद छाओं को मौका देने के लिए भी APAAR ID सहायक होगा।
APAAR ID : संचालक उच्च शिक्षा संतोष कुमार देवांगन ने बताया कि अपार आईडी बनने के बाद छात्रों को बार-बार पंजीयन की ज़रूरत नहीं होगी। डिग्री कॉलेज में एडमिशन के लिए अब बिना ABC और अपार आईडी प्रवेश नहीं मिलेगा। विश्वविद्यालयों को इस व्यवस्था में स्वायत्तता भी दी जा सकती है।

