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चलती ट्रेन में साइबर ठगी का हैरान कर देने वाला मामला – अटेंडेंट के मोबाइल से चंद मिनटों में उड़ा दिए ₹20 हजार

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चलती ट्रेन में साइबर ठगी का हैरान कर देने वाला मामला – अटेंडेंट के मोबाइल से चंद मिनटों में उड़ा दिए ₹20 हजार

रायपुर।साइबर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और अब तो ठगों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि चलती ट्रेन में भी लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला मुंबई-हावड़ा मेल में सामने आया है, जहां एक युवक ने ट्रेन के एसी कोच अटेंडेंट के मोबाइल से मात्र कुछ ही मिनटों में ₹20 हजार रुपए पार कर दिए।

मामला 4 जुलाई का है, जब मुंबई से रवाना हुई मुंबई-हावड़ा मेल ट्रेन किरंदुल-संतरागाछी स्टेशन के बीच थी। सेकंड एसी कोच में तैनात अटेंडेंट ने अपना मोबाइल चार्जिंग में लगाया हुआ था। इसी दौरान एक युवक, जिसकी पहचान शेख आमिर अली के रूप में हुई है, दूसरे कोच से आया और अटेंडेंट से चार्जर मांगकर उसके पास बैठ गया। चार्जिंग करने के बहाने उसने अटेंडेंट के फोन में मौजूद PhonePe ऐप का दुरुपयोग करते हुए अपने खाते में ₹20,000 ट्रांसफर कर लिए।

कुछ देर बाद जब अटेंडेंट ने अपना मोबाइल देखा तो वह चौंक गया। उसके खाते में पहले ₹25,000 थे, जिनमें से ₹20,000 गायब थे। शक होने पर उसने युवक को रोका और यात्रियों की मदद से उसे पकड़ लिया। पूछताछ में आरोपी ने खुद स्वीकार किया कि उसने ही पैसे ट्रांसफर किए हैं।

घटना की सूचना मिलने पर आरोपी को तुरंत रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के हवाले कर दिया गया।

इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि साइबर ठग अब बिना मोबाइल पासवर्ड के भी पैसे उड़ा पाने में सक्षम हो गए हैं। यह मामला यह भी दर्शाता है कि थोड़ी सी असावधानी कैसे बड़ी चपत में बदल सकती है।

विशेषज्ञों की राय:
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि डिजिटल पेमेंट ऐप्स में कई बार बायोमेट्रिक या स्क्रीन लॉक इनेबल न होने पर ठगों के लिए ट्रांजैक्शन करना आसान हो जाता है। ऐसे में हर यूजर को अपने फोन और ऐप्स में मजबूत सुरक्षा उपाय अपनाने की जरूरत है।

चलती ट्रेन में हुई यह साइबर ठगी आम यात्रियों के लिए एक चेतावनी है – थोड़ी सी सतर्कता ही बड़ी ठगी से बचा सकती है।

 

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