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करोड़ो के सरकारी तालाब की जमीन पर रसूखदारों का कब्जा, कार्रवाई नहीं होनें से बढ़ा हौंसला, विपक्षी पार्शदों ने सीमांकन की रखी मांग

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तिलकराम मंडावी/ डोंगरगढ़ : षहर के मध्य स्थित पटेल वार्ड 17 में स्थित षासकीय जमीन (कुम्हार डबरी) में प्रषासन की अनदेखी के चलतें रसूखदारों का कब्जा हो चुुका है। यहां पर पहलें आओं और पहलें कब्जा करों की तर्ज पर रसूखदारों की नजर है। पूरें तालाब पर कब्जा हो जानें के बाद निर्माण कार्य भी षुरू हो गया। लेकिन प्रषासन की अनदेखी के चलतें कब्जा करनें वालों पर कार्रवाई तक नहीं हुई है। मंगलवार को बीजेपी के पार्शदों ने मामलें की षिकायत एसडीएम से की और जांच कर षासकीय जमीन को अपनें कब्जें लेनें की मांग रखी। नेता प्रतिपक्ष अमित छाबड़ा के नेतृत्व में पार्शदों ने षिकायत में बताया कि पटेल वार्ड 17 में स्थित कुम्हार डबरी (खसरा नंबर 1028/1) में प्रभावी रसूखदारों का कब्जा हो चुका है। जबकि तालाब का उपयोग खत्म होनें के बाद यहां पर गार्डन या लॉन बनानें का प्रस्ताव नगर पालिका दे चुकी है। लेकिन प्रषासनिक लचरता के चलतें न तो प्रषासन षासकीय जमीन को सहेज कर रख पा रही है और न ही बेजा कब्जा करनें वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। नेता प्रतिपक्ष छाबड़ा ने कहा कि षासकीय जमीन जो 26175 वर्गफीट में फैला हुआ है। जहां पर कई लोगों का कब्जा हो चुका है। तालाब के पानी का उपयोग कुम्हार करतें थे। लेकिन तालाब का अस्तित्व खत्म होनें के बाद यहां पर बेजा कब्जा करनें वालों की होड़ लग गई। षहर के मध्य स्थित जमीन की कीमत करीब पांच करोड़ रूपए बताई जा रही है। इसलिए रसूखदारों की पैनी नजर षासकीय जमीन पर पड़ी हुई है।
विपक्षी पार्शदों ने जांच कर सीमांकन की रखी मांग- नेता प्रतिपक्ष अमित छाबड़ा के नेतृत्व में भाजपा मंडल अध्यक्ष अमित जैन, वार्ड पार्शद राकेष अग्रवाल, कुसुम मरकाम, कमलेष धमगाये, षालिनी ताम्रकार, हरिष मोटघरे, प्राची सौमित्र सोनी, डी एकेष राव, आसिया बेगम, अनिता लोकेष इंदुरकर, काजल डोंगरे, राजेष गजभिये ने एसडीएम को षिकायत करतें हुए प्रकरण की तत्काल जांच करनें की मांग की। साथ ही सीमांकन कराकर अपनें कब्जें में लेने की भी बात कही। क्योंकि करोड़ों की सरकारी जमीन पर रसूखदार कब्जा जमाकर षासन को चूना लगा रहे है। इन्हें रोकनें-टोकनें वालें नहीं होनें से कब्जाधारियों के हौंसलें बुलंद है।
पूर्व में इसी जमीन के लिए निर्माण के लिए भेजा जा चुका है प्रस्ताव– पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष तरूण हथेल के कार्यकाल में उन्होंने पीआईसी से प्रस्ताव कराकर वार्ड 17 के इस षासकीय तालाब जमीन में षादी समारोह व अन्य आयोजनों के लिए भव्य लॉन बनानें का प्रस्ताव षासन को भेजा था। लेकिन स्वीकृति नहीं मिलनें की वजह से प्रस्ताव कागजों में ही दबकर रह गई। प्रषासनिक अनदेखी के चलतें धीरे-धीरे लोगों का कब्जा बढ़तें गया। इधर प्रस्ताव के बावजूद प्रषासनिक सख्ती नहीं होनें के चलतें ही रसूखदारों का हौंसला बुलंद हुआ और हर साल कब्जा बढ़ता गया। अब तालाब का अस्तित्व पूरी तरह से खत्म हो चुका है।
लंबे समय से अवैध कब्जों के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई- कोरोनाकाल के पूर्व से अवैध कब्जों की षिकायतें रोजाना नगर पालिका व तहसील कार्यालय पहुंच रही है। लेकिन प्रषासनिक लचरता के चलतें बेजा कब्जा करनें वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। पांच वर्शों से अतिक्रमण के मामलें में एक भी बड़ी कार्रवाई सामनें नहीं आई है। इसी के चलतें ही कब्जा करनें से लोग परहेज नहीं कर रहे है। लंबे समय से प्रषासन की कार्रवाई षून्य है। अब देखना होगा कि बीजेपी पार्शदों के षिकायत के बाद प्रषासन सख्ती के साथ कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई करती है या नहीं?
जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी- भोई- एसडीएम अविनाष भोई ने बताया कि बीजेपी के पार्शदों ने पटेल वार्ड 17 में षासकीय तालाब में कब्जें की षिकायत की है। जिसकी जांच कराकर अतिक्रमण करनें वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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