BIG NEWS:छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव टालने की अजनबी वजह, धान खरीदी की व्यवस्था का असर
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पंचायत और निकाय चुनावों को एक साथ कराने की तैयारी में राज्य सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। पंचायत चुनाव के लिए वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया को अचानक स्थगित कर दिया गया है, जिससे राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में सवालों का तांता लग गया है।राज्य निर्वाचन आयोग ने दोनों चुनावों के लिए मतदाता सूची तैयार कर ली थी और आरक्षण प्रक्रिया के लिए कार्यक्रम भी जारी कर दिया था। इसके बावजूद, पंचायत चुनाव के लिए वार्ड आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाना सरकार के लिए एक अप्रत्याशित कदम है। अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या राज्य सरकार अपनी ‘एक राज्य, एक चुनाव’ की योजना से पीछे हट गई है और क्या दोनों चुनाव एक साथ होंगे या नहीं।
सूत्रों के अनुसार, पंचायत चुनाव को टालने के पीछे धान खरीदी व्यवस्था में आई समस्याएं जिम्मेदार हो सकती हैं। इस वर्ष की शुरुआत से ही धान खरीदी को लेकर कई परेशानियां उत्पन्न हो चुकी हैं, जिसमें कर्मचारियों का आंदोलन और राइस मिलर्स की हड़ताल शामिल हैं। इन समस्याओं के कारण ग्रामीण इलाकों में नाराजगी फैल गई है और पार्टी संगठन में भी इस पर चर्चा की गई है। यह माना जा रहा है कि यदि पंचायत चुनाव समय पर हुए तो इसके राजनीतिक नुकसान की आशंका थी, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में नाराजगी को देखते हुए।हालांकि, अब राइस मिलर्स के साथ समझौता हो चुका है और धान उठाव प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रशासन को उम्मीद है कि धान खरीदी की व्यवस्था पटरी पर लौट आएगी और स्थिति सामान्य हो जाएगी।