जमीन रजिस्ट्री दरों में पुनरीक्षण के लिए 31 दिसंबर तक मांगे प्रस्ताव
रायपुर। सीएम साय की कल की गई घोषणा के बाद जमीन रजिस्ट्री दरों में हुई वृद्धि पर यूं टर्न लिया है। गाइड लाइन दरों के कई आदेश वापस लिया है। वहीं कई अन्य में संशोधन किया है।
महानिरीक्षक पंजीयन ने जमीन रजिस्ट्री की दरों में 19 नवंबर को की गई वृद्धि को लेकर हो रहे विरोध के मद्देनजर सभी स्टेक होल्डरों से 31 दिसंबर तक पुनरीक्षण के प्रस्ताव भी मांगे हैं।
19 नवंबर को घोषित नई दरों पर सत्तारूढ़ भाजपा में ही तीखी प्रतिक्रिया और विरोध होने लगा था। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने तो सीएम साय को पत्र लिखकर दरें वापस न लेने पर राज्य की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने की बात कही थी। वहीं विपक्षी दल, जमीन और रियल एस्टेट कारोबारी भी विरोध कर रहे थे।
महानिरीक्षक के द्वारा आज सुबह जारी अधिकृत बयान के अनुसार 19 नवंबर को केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड द्वारा राज्य में लागू गाइडलाइन दरों का पुनरीक्षण करते हुए नई दरें जारी की गई थी जिसके संबंध में विभिन्न हितधारकों से ज्ञापन, सुझाव एवं प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इनका परीक्षण कर निर्णय लेने के लिए केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय निम्नानुसार हैं-
नगरीय क्षेत्र में 1400 वर्ग मीटर तक भूखंडों के इंक्रीमेंटल आधार पर गणना के प्रावधान को समाप्त करते हुए पूर्व प्रचलित उपबंध अनुसार नगर निगम क्षेत्र में 50 डेसिमल तक, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल तक, और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक स्लैब दर से मूल्यांकन के प्रावधान को यथावत लागू किए जाने का निर्णय लिया गया।
बहुमंजिला भवनों में फ्लैट/दुकान/कार्यालय अंतरण होने पर सुपर बिल्ट अप एरिया के आधार पर बाजार मूल्य की गणना के प्रावधान को विलोपित किए जाने का निर्णय लिया गया. अब इनमें बिल्ट अप एरिया के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। यह प्रावधान मध्य प्रदेश के समय से चला आ रहा था और राज्य में वर्टिकल डेवलपमेंट के लिए इसकी मांग लंबे समय से आ रही थी। इससे नगर योजना में भूमि का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा।
बहुमंजिला भवन एवं कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में बेसमेंट एवं प्रथम तल पर 10% कमी, द्वितीय तल एवं उससे ऊपर के तल पर 20% कमी के साथ मूल्यांकन किया जाएगा। इससे मध्यम वर्ग को किफायती दर पर फ्लैट मिल पाएंगे।
कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में 20 मीटर पश्चात् स्थित संपति के लिए भूखंड की दर में 25% कमी कर मूल्यांकन किया जाएगा। 20 मीटर दूरी की गणना कॉम्प्लेक्स के मुख्य मार्ग की ओर से निर्मित भाग से की जाएगी।
जिला मूल्यांकन समिति द्वारा गाइडलाइन दरों के पुनरीक्षण के प्रस्ताव केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड को भेजे जाते हैं जिनका विश्लेषण कर केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड नवीन गाइडलाइन दरें जारी करता है. जिला मूल्यांकन समिति को यह निर्देशित करने का निर्णय लिया गया कि हाल ही में हुई दरों में वृद्धि के पश्चात् प्राप्त ज्ञापनों, आपत्तियों एवं सुझार्यों का परिशीलन कर 31 दिसंबर तक गाइडलाइन दरों में पुनरीक्षण के प्रस्ताव भेजें।
महानिरीक्षक ने कहा कि निर्णय तत्काल प्रभावशील होंगे।

