साल 2025 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण आज लगेगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें चंद्रमा सूर्य के एक हिस्से को ढक लेगा। भारतीय समयानुसार ग्रहण रात 10:59 बजे शुरू होगा, रात 1:11 बजे चरम पर होगा और 22 सितंबर को सुबह 3:23 बजे समाप्त होगा। ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट होगी। यह सर्वपितृ अमावस्या के दिन लग रहा है, और इसके अगले दिन से शारदीय नवरात्रि शुरू होगी।
भारत में नहीं दिखेगा ग्रहण, सूतक काल भी नहीं
यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए भारतीय पंचांग के अनुसार इसका कोई धार्मिक या ज्योतिषीय महत्व नहीं होगा। सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। भारत में लोग बिना किसी चिंता के अपने दैनिक कार्य कर सकते हैं।
कहां दिखेगा ग्रहण?
यह आंशिक सूर्य ग्रहण दक्षिणी प्रशांत महासागर, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका के कुछ हिस्सों, हिंद महासागर, अटलांटिक महासागर, दक्षिण महासागर, पोलिनेशिया, मेलानेशिया, नॉरफ़ॉक द्वीप, क्राइस्टचर्च और वेलिंग्टन में दिखाई देगा।
ज्योतिषीय प्रभाव
हालांकि भारत में ग्रहण दिखाई नहीं देगा, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह कुछ राशियों पर प्रभाव डाल सकता है। सभी 12 राशियों पर इसका असर अलग-अलग होगा, कुछ के लिए शुभ तो कुछ के लिए नकारात्मक परिणाम संभव हैं।
ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें?
भारत में ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां नियमों का पालन जरूरी नहीं। हालांकि, जहां ग्रहण दिखेगा, वहां ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार निम्नलिखित सुझाव हैं:
क्या करें?
ग्रहण से पहले और बाद में स्नान करें।
मंत्र जाप और पूजा-पाठ करें।
ध्यान और योग से मन को शांत रखें।
ग्रहण के बाद गरीबों को दान करें।
क्या न करें?
ग्रहण के समय भोजन न बनाएं या खाएं।
बाहर जाने से, खासकर गर्भवती महिलाओं को, बचें।
चाकू, कैंची जैसी धारदार वस्तुओं का उपयोग न करें।
विवाह या अन्य शुभ कार्य शुरू न करें।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है। इसे सुरक्षित देखने के लिए विशेष सौर चश्मे का उपयोग करें।