वित्तीय अनियमितता पर डिप्टी डायरेक्टर डॉ विभा सिंह बघेल पर कब होगी कार्रवाई..?
तकनीकी स्वीकृति नही और न ही मूल्यांकन, बावजूद लाखों का वारा-न्यारा
कोरिया वॉच ब्यूरो(दिलीप पाण्डेय) पशुपालन विभाग कोरिया में पदस्थ डिप्टी डायरेक्टर ने मनमाने ढंग से अधूरे कार्य का ठेकेदार को भुगतान कर घोर वित्तीय अनियमितता किया गया है।जबकी इस कार्य का भुगतान किसी तकनीकी अधिकारी के मूल्यांकन के बाद ही किया जाना था,बावजूद भ्रष्ट्राचार में लिप्त ऐसे डिप्टी डायरेक्टर के ऊपर न तो विभागीय जांच हुई और न कोई कार्रवाई, जिस कारण ऐसे अधिकारी भयमुक्त होकर भ्रष्ट्राचार को अंजाम देते हैं।
जानकारी अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें कार्यालय बैकुण्ठपुर स्थित पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला के मरम्म्त कार्य हेतु राशि डिप्टी डायरेक्टर कोरिया को प्राप्त हुई थी,जिसमे इन्होंने कार्य पूर्ण नही होने की दशा में भी अपने चहेते स्टोर कीपर के ठेकेदार भाई को भुगतान कर यह साबित कर दिया गया कि छत्तीसगढ़ सरकार की भ्रष्ट्राचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति से इन्हें कोई फर्क नही पड़ता ।
राशि का बंदरबांट करने स्टोर कीपर के भाई के नाम कार्य आदेश किया गया जारी
बताते चले कि प्रयोगशाला के मरम्मत कार्य के लिए जारी कुल राशि डिप्टी डायरेक्टर के वित्तीय अधिकार से अधिक होने के कारण नियमतः इन्हें कार्य के लिए निविदा बुलाने की जरूरत थी,मगर इन्होंने निविदा जारी न कर नियमों को ताक में रखकर अपने चहते कर्मचारी स्टोर कीपर के ठेकेदार भाई के नाम कार्य का आदेश जारी कर अधूरे कार्य पर ही सम्पूर्ण राशि का भुगतान कर अनियमितता और भ्रष्ट्राचार किया गया।
बिना तकनीकी स्वीकृति के लाखों का मरम्मत कार्य.?
बता दे कि पशुपालन विभाग कोरिया में पशुरोग अन्वेषण प्रयोगषाला में मरम्मत कार्य बिना किसी तकनीकी स्वीकृति के ही कागजों में पूर्ण कर दिया गया जब कि कार्य का मूल्यांकन आज तक नही हुआ है।फिर भी डिप्टी डायरेक्टर के द्वारा उनके चहेते ठेकेदार को कार्य का भुगतान करना घोर अनियमितता और भ्रष्ट्राचार को दर्शाता है।यदि समय रहते ऐसे अधिकारी पर कार्रवाई नही हुई तो भ्रष्ट्राचार के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति का कोई औचित्य नही है।
पूरे मामले पर जब डिप्टी डायरेक्टर कोरिया डॉ. विभा सिंह बघेल से उनका पक्ष जानने उनके मोबाईल पर सम्पर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नही समझा।